जम्मू कश्मीर के पहाड़ी जिले डोडा के रहने वाले चैन सिंह अपने मिशन पर हैं। भारतीय सेना में ये 26 वर्षीय सूबेदार से पूरे देश को इस रियो ओलम्पिक में काफी उम्मीदें हैं। चैन सिंह आर्मी मार्कमैनशिप यूनिट के देखरेख में विश्व स्तर कोचों से निशानेबाज़ी सीखी है। एएमयू को भारत में कई निशानेबाज़ पैदा किए हैं। सिंह को कभी हार न मानने वाला एथलीट माना जाता है। जब तक वह अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर लेते हैं। तब तक वह अपने पाँव पीछे नहीं करते हैं। साल 2014 में एशियन चैंपियनशिप जो कुवैत में हुआ था, वहां चैन ने 10 मीटर एयर राइफल के इवेंट में गोल्ड जीता था। इसके अलावा दिल्ली में हुए एशियन शूटिंग चैंपियनशिप में भी चैन ने गोल जीता था। उन्होंने अपने एएमयू साथियों की तरह ही कमाल का प्रदर्शन किया था। एएमयू के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल ललित शर्मा कहते हैं कि चैन ने हमारे साथ ही निशानेबाजी की ट्रेनिंग ली है और उसने उम्दा खेल दिखाकर सोना जीता है। वह आगे कहते हैं कि हमारी टीम का मुख्य उद्देश्य है कि ओलम्पिक में देश के लिए गोल्ड मैडल जीतना है। ऐसे में चैन से उम्मीदें बढ़ जाती हैं। हाल ही में चैन ने आईएसएसएफ वर्ल्डकप में गबाला, अज़रबैजान में हुई प्रतियोगिता में 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन इवेंट में 8वें स्थान पर रहे हैं। जिसके बाद उन्होंने ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई किया है। इस युवा निशानेबाज़ ने अपनी सफलता का श्रेय एनआरएआई, भारतीय सेना और ओलम्पिक गोल्ड क्वेस्ट को दिया है। साथ ही ओलम्पिक में देश के लिए पदक जीतने का वादा भी किया है। उनके साथी और मेंटरों को आशा है कि चैन ओलम्पिक में उलटफेर कर सकते हैं। इस युवा खिलाड़ी की ट्रेनिंग और प्रतिबद्धता को देखते हुए लोगों को यही लग रहा है। सिंह ने 2014 में इंचियोन एशियन गेम्स में 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन में कांस्य पदक जीता था। जहाँ उन्होंने 441.7 का स्कोर बनाया था। उनसे आगे दो चीनी निशानेबाज़ थे। हालाँकि गगन नारंग जैसे स्टार निशानेबाजों पर लोगों की नजरें टिकी हैं, ऐसे में सिंह पर दबाव नहीं होगा। हालाँकि क्वालीफ़ायर राउंड में नारंग और संजीव राजपूत ने क्रमश: 12वां और 15वां स्थान हासिल किया था। जबकि चैन ने सातवाँ स्थान हासिल किया था। सिंह लगातार बेहतरीन प्रदर्शन करते आ रहे हैं, बीते तीन आईएसएसएफ वर्ल्डकप में चैन का प्रदर्शन कुछ इस तरह था। कोरिया में उनका स्कोर 1173/1200, यूएसए में 1172/1200 और जर्मनी में 1180/1200 का स्कोर था। उनके फील्ड के प्रदर्शन को देखते हुए ऐसा लगता है कि वह इस बार भारत को ओलम्पिक में पदक दिलाकर देश का नाम रोशन करेंगे।