अखिल भारतीय फुटबॉल संघ (एआईएफएफ) अध्यक्ष प्रफुल पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार और केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रीजीजू को खेल पर ज्यादा ध्यान देने के लिए तारीफ की, जिमें नजर आ रहा है कि भारतीय खेलों में पहले की तुलना में काफी उछाल हुआ है। पटेल ने एएफसी एशिया कप 2027 की नीलामी घोषणा कार्यक्रम में कहा, 'बाद में हमें खेल मंत्रालय की सोच में काफी बड़ा फर्क नजर आया। हमारे प्रधानमंत्री खुद खेलों के दीवाने हैं। उन्होंने खेलों पर काफी ध्यान दिया। इसके अलावा किरेन रीजीजू ने खेलों में कम दिलचस्पी को काफी हद तक ठीक किया। भारतीय खेलों ने पिछले कुछ सालों में काफी ऊंची छलांग लगाई है।'
प्रफुल पटेल के बाद खेल मंत्री किरेन रीजीजू ने दिलाया ये भरोसा
इस मौके पर किरेन रीजीजू भी उपस्थित थे और उन्होंने सरकार का खेल तरक्की में महत्व बताया। रीजीजू ने भरोसा दिलाया कि शीर्ष ईकाई हर एक पहलु पर समर्थन को तैयार है। रीजीजू ने कहा, 'हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खेलों को पसंद करते हैं और खेलो इंडिया की शुरूआत की। उनके नेतृत्व में पूरे देश ने सफलता देखी। एशिया में एएफसी एशिया कप सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट है। यह अच्छा फैसला और सरकार का समर्थन है। मैंने उन्हें भरोसा दिलाया है कि हम पूरा समर्थन करेंगे।'
किरेन रीजीजू ने कहा, 'निजी तौर पर मैं हमेशा किसी भी तरह की पहल का समर्थन करता हूं। यह भारत के लिए अच्छा पल साबित हो सकता है और एएफसी एशियाई कप का सदस्य होना बहुत क्रिटिकल है। इसलिए मैं यहां निजी रूप से आकर सरकार का पूरा समर्थन दिखाता हूं। इससे देश को विश्वास मिलता है कि सरकार ने नीलामी में साथ दिया।'
नागरिकों को जिम्मेदारी लेने की जरूरत: रीजीजू
इसके अलावा किरेन रीजीजू ने ध्यान दिलाया कि सिर्फ सरकार ही नहीं, लेकिन भारत को असल में खेल देश बनाने के लिए माता-पिता को जिम्मेदारी लेना होगी। रीजीजू ने कहा, 'नागरिकों की सफल टूर्नामेंट बनाने में बड़ी भूमिका रहती है और भारत इससे अलग नहीं। 2017 में फीफा अंडर-17 विश्व कप देखने के लिए नई दिल्ली, कोलकाता, गुवाहाटी, नवी मुंबई, कोच्चि और गोवा में स्टेडियम में लोग जमा हुए थे।'
किरेन रीजीजू ने आगे कहा, 'मैंने हमेशा कहा कि अगर भारत को खेल देश बनकर उभरना है तो फुटबॉल को बड़ी भूमिका निभानी होगी। फुटबॉल वैश्विक स्तर पर सबसे लोकप्रिय खेल है। खेल मंत्री के रूप में मेरा लक्ष्य देश को आगे बढ़ाना है। मगर आपको समझने की जरूरत है कि सरकार की अपनी सीमाएं हैं। हमें नागरिकों को शामिल करने की जरूरत है। अगर वो हिस्सा लेंगे, सफलता पीछा करेगी।'