गोल्डकोस्ट कॉमनवेल्थ खेलों में भारत को तीसरे दिन एक और गोल्ड मेडल मिल गया। भारोत्तोलन में सतीश शिवालिंगम ने 77 किलो वर्ग में कुल 317 किलो वजन उठाकर सोना जीता। भारत के लिए इन खेलों का यह तीसरा स्वर्ण पदक है तथा तीनों पदक की वेट लिफ्टिंग में ही आए हैं। इंग्लैंड के जैक ऑलिवर ने सतीश के सामने कड़ी चुनौती जरुर पेश की लेकिन ग्लासगो में भी स्वर्ण जीतने वाले तमिलनाडु के इस खिलाड़ी ने अपना दबदबा बरकरार रखा। शावालिंगम ने स्नैच में 144 किग्रा वजन उठाने के बाद क्लीन एंड जर्क के पहले प्रयास में 169 किग्रा उठाने में कामयाब रहे, इस दौरान इंग्लैंड के वेट लिफ्टर ने 169 किग्रा वजन उठाया। दूसरे प्रयास में इंग्लैंड के ऑलिवर नाकाम रहे और शिवालिंगम ने 173 किग्रा भारत उठाकर भारत की झोली में एक और स्वर्ण डाल दिया। तमिलनाडु के इस वेट लिफ्टर के पिता खुद एक राष्ट्रीय स्तर के वेट लिफ्टर रह चुके हैं और मेडल भी प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने ही अपने बेटे को इस क्षेत्र में कड़ी ट्रेनिंग दी है। सतीश अभी चेन्नई में रेलवे क्लर्क हैं। ग्लासगो में 2014 में हुए कॉमनवेल्थ खेलों में सतीश ने स्नैच में 149 किग्रा वजन उठाकर रिकॉर्ड बनाया था। इस बार वे 147 किग्रा भार ही उठा पाए तथा अपना पिछला कीर्तिमान तोड़ने से चूक गए। उस समय 77 किग्रा भार वर्ग में उन्होंने 328 किग्रा वजह उठाकर गोल्ड पर कब्जा जमाया था लेकिन इस बार कुल वजन 317 किग्रा ही रहा। मौजूदा राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को तीनों गोल्ड वेट लिफ्टिंग से ही मिले हैं। पहले दिन मीराबाई चानू ने स्वर्ण जीता, इसके बाद संजीत चानू ने भी ऐसा ही किया। इसके अलावा एक रजत और एक कांस्य पदक भी भारत को मिल चुका है।