पैरालंपिक खेलों में दुनियाभर के काबिल दिव्यांग खिलाड़ी अपने देशों का प्रतिनिधित्व करते हैं। मुकाबले के पैमाने पर ओलंपिक खेलों से पैरालंपिक बिल्कुल भी कम नहीं हैं, और इसका उदाहरण खेलप्रेमी टोक्यो पैरालंपिक की विभिन्न स्पर्धाओं में देख चुके हैं।
ऐसे में आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि एक एथलीट के पास सबसे ज्यादा पैरालंपिक गोल्ड का रिकॉर्ड 41 मेडल का है, जो ओलंपिक में सबसे ज्यादा 23 गोल्ड जीतने वाले अमेरिका के माइकल फेल्प्स के रिकॉर्ड से कहीं ज्यादा है।
55 मेडल की विजेता ट्रीस्चा
पैरालंपिक खेलों के इतिहास में सबसे ज्यादा एकल गोल्ड मेडल अमेरिका की तैराक ट्रीस्चा जोर्न के नाम हैं जिन्होंने 41 गोल्ड, 9 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज के साथ कुल 55 पैरालंपिक पदक अपने नाम किए हैं। खास बात ये है कि ओलंपिक खेलों में ये रिकॉर्ड अमेरिका के तैराक माइकल फेल्प्स के नाम हैं जिन्होंने 23 गोल्ड, 3 सिल्वर और 2 ब्रॉन्ज के साथ कुल 28 ओलंपिक मेडल जीते हैं। इस तरह पैरा तैराक ट्रीस्चा पदक के मामले में फेल्प्स से काफी आगे हैं।
ट्रीस्चा जोर्न जन्म से ही देखने में अक्षम हैं, लेकिन उन्होंने अंधेपन को पीछे छोड़कर तैराकी में अपना दम दिखाया। ट्रीस्चा ने कुल 7 पैरालंपिक में भाग लेते हुए 41 गोल्ड जीतने का कारनामा किया है। 1988 में दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में हुए पैरालंपिक में ट्रीस्चा ने कुल 12 गोल्ड मेडल जीते थे। साल 2012 में ट्रीस्चा को उनके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए पैरालंपिक हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया था। अमेरिकी ओलंपिक टीम की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार ट्रीस्चा ने तैराकी के साथ ही कानून की पढ़ाई की और बतौर वकील कार्य कर रही हैं।
पैरालंपिक में तैराकी का दबदबा
ओलंपिक खेलों में एकल पदक के मामले में फेल्प्स के बाद अगला नंबर पूर्व सोवियत की लारिसा लेतियाना का है जिनके पास 9 गोल्ड 5 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज के साथ कुल 18 मेडल हैं। लेकिन पैरालंपिक खेलों में ट्रीस्चा जोर्न के अलावा 40 से ज्यादा ऐथलीट ऐसे हैं जिन्होंने पैरालंपिक के इतिहास में 10 या उससे अधिक गोल्ड जीते हैं। ट्रीस्चा के बाद दूसरे और तीसरे नंबर पर भी तैराक ही हैं। फ्रांस की बीट्रीस हेस के पास तैराकी में ही कुल 20 पैरालंपिक गोल्ड के साथ कुल 25 मेडल हैं, तीसरे नंबर पर कनाडा का तैराक माइकल एड्गसन हैं जिन्होंने 18 गोल्ड जीते हैं। दरअसल तैराकी में विभिन्न स्पर्धाएं होती हैं, जिनमें 50 मीटर, 100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर जैसी स्पर्धाएं एक ही प्रकार की तैराकी में होती हैं, ऐसे में तैराकी के खेल में ज्यादा मेडल दांव पर होते हैं और इसी कारण तैराकों का एकल पदक तालिका में दबदबा होता है।