H.S. Prannoy on His Exit From Paris Olympics 2024 : पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के बैडमिंटन खिलाड़ी एच एस प्रणोय का मेडल जीतने का सपना नहीं पूरा हो पाया। उन्हें राउंड ऑफ 16 में भारत के ही लक्ष्य सेन से हार का सामना करना पड़ा। एच एस प्रणोय पेरिस ओलंपिक से बाहर तो हुए लेकिन एक भारतीय खिलाड़ी के हाथों उन्हें हार मिली। इसी वजह से वो अब लक्ष्य सेन के पेरिस ओलंपिक में मेडल जीतने की कामना कर रहे हैं। प्रणोय ने कहा कि वो निश्चित तौर पर मेडल जीतना चाहते थे लेकिन ओलंपियन का टैग लगना भी काफी गर्व की बात है।
एच एस प्रणोय की अगर बात करें तो उन्होंने कई सारे बेहतरीन प्लेयर्स को हराकर राउंड ऑफ 16 में जगह बनाई थी। प्रणोय ने जर्मनी के फेबियन रोथ और वियतनाम के खिलाड़ी को हराया था। हालांकि राउंड ऑफ 16 में जब वो पहुंचे तो उनके सामने एक और भारतीय खिलाड़ी लक्ष्य सेन थे। इस तरह भारत के दो बेहतरीन प्लेयर ओलंपिक में एक दूसरे के आमने-सामने हो गए।
एच एस प्रणोय का ओलंपिक तक का सफर काफी मुश्किलों भरा रहा। उन्हें चिकुनगुनिया हो गया था और ऐसा लग रहा था कि वो समय पर फिट नहीं हो पाएंगे लेकिन इसके बाद उन्होंने ना केवल ओलंपिक में खेला, बल्कि राउंड ऑफ 16 तक का सफर भी तय किया था।
"ओलंपियन के टैग को मैं हमेशा संजोकर रखुंगा"
लक्ष्य सेन से मिली हार के बावजूद एच एस प्रणोय निराश नहीं हैं। उन्होंने मैच के बाद सोशल मी़डिया पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,
मुझे नहीं पता था कि ओलंपिक से क्या उम्मीद की जाए, क्योंकि बहुत सारी अनिश्चिताएं इसमें होती हैं। लेकिन खेल में ऐसा ही होता है। मैं पोडियम पर फिनिश करना चाहता था लेकिन कई बार मंजिल से ज्यादा सफर के दौरान सीखने को मिलता है। लक्ष्य सेन को बधाई। इसी तरह लड़ते रहिए और मेडल लेकर ही लौटिए। आप सबके सपोर्ट के लिए शुक्रिया। यह सफर कभी ना भूलने वाला रहा है। ओलंपियन के टैग को मैं हमेशा संजोकर रखुंगा। यह मेरे लिए एक सपना था।
आपको बता दें कि लक्ष्य सेन की जीत से भारतीय फैंस एक तरफ खुश भी थे और दूसरी तरफ एच एस प्रणोय की हार से निराश भी नजर आए।