भारतीय ओलंपिक इतिहास में सबसे ज़्यादा पदक के लिहाज़ से लंदन 2012 ओलंपिक सर्वश्रेष्ठ रहा है। इस ओलंपिक में भारत की ओर से कुल 83 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था, और देश की झोली में 6 पदक दिलाए थे। इस भारतीय दल में 60 पुरुष और 23 महिलाएं थीं। इससे पहले भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2008 बीजिंग ओलंपिक में आया था।
लंदन ओलंपिक के भारतीय पदक विजेताओं की फ़ेहरिस्त
#1 गगन नारंग, कांस्य
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गगन नारंग (Gagan Naran) भारत की ओर से लंदन ओलंपिक में क्वालिफ़ाई करने वाले पहले भारतीय थे, संयोग ये रहा कि पदकों का खाता भी भारत के लिए गगन नारंग ने ही खोला था। उन्होंने 10 मीटर एयर राइफ़ल में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था।
#2 विजय कुमार, रजत
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गगन नारंग के कांस्य के बाद एक और शूटर विजय कुमार (Vijay Kumar) ने भी पदक जीता, लेकिन उन्होंने पदक का रंग बदलते हुए इसे सफ़ेद कर दिया था। यानी उन्होंने देश के लिए रजत पदक जीता था। जो इस संस्करण में भारत का पहला सिल्वर मेडल था। उन्होंने 25 मीटर रैपिड फ़ायर पिस्टल में ये पदक हासिल किया था, जिसके लिए उन्हें आगे चलकर पद्मश्री पुरस्कार से भी नवाज़ा गया था।
#3 साइना नेहवाल, कांस्य
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शूटिंग में लगातार दो पदक आने के बाद बीजिंग 2008 में क्वार्टर फ़ाइनल तक का सफ़र तय करने वाली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल (Saina Nehwal) ने भारत को ओलंपिक इतिहास का पहला व्यक्तिगत महिला पदक दिलाया था। उन्हें कांस्य पदक हासिल हुआ था।
#4 एमसी मैरि कॉम, कांस्य
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एमसी मैरी कॉम (MC Mary Kom)
साइना नेहवाल के बाद अगला पदक भी लंदन में एक महिला एथलीट के नाम रहा और उन्होंने भी कांस्य पदक जीतते हुए इतिहास रच दिया था। ये कारनामा किया था भारतीय महिला मुक्केबाज़ एमसी मैरी कॉम (MC Mary Kom) ने, मैरी कॉम ने उसी साल अपना पांचवां वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप ख़िताब भी जीता था।
#5 योगेश्वर दत्त, कांस्य
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अब बारी थी भारतीय पहलवानों की, जहां भारत के योगेश्वर दत्त (Yogeshwar Dutt) ने उत्तर कोरिया के पहलवान जॉन्ग मियोंग री (Jong Myong Ri) को तीसरे स्थान के बाउट में शिकस्त देकर मेंस फ़्रीस्टाइल के 60 किग्रा भारवर्ग में कांस्य पदक हासिल किया था। लंदन 2012 में भारत के लिए पांचवां पदक था।
#6 सुशील कुमार, रजत
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योगेश्वर के बाद भारतीय ध्वजवाहक सुशील कुमार (Sushil Kumar) पर सभी की निगाहें थीं, क्योंकि पिछले संस्करण यानी बीजिंग 2008 में उन्होंने कांस्य पदक पर कब्ज़ा जमाया था।
सुशील उम्मीदों पर खरे उतरे और भारत की झोली में लंदन 2012 का दूसरा रजत पदक और कुल छठा पदक डाल दिया था।
टोक्यो 2020 में बनेगा नया रिकॉर्ड !
लंदन ओलंपिक के बाद रियो 2016 में उन उम्मीदों पर भारतीय एथलीट खरा नहीं उतर पाए थे जिसकी उम्मीद सभी भारतीय प्रशसंकों ने की थी। लेकिन ऐसा हो न सका, हालांकि अब यानी इस साल होने वाले टोक्यो 2020 में लंदन 2012 जैसा करिश्मा फिर से होनी की आशा की जा सकती है।
इसकी बड़ी वजह है खिलाड़ियों का शानदार फ़ॉर्म जिनमें कुछ बड़े नामों पर सभी की नज़र रहेगी, जिनमें मैरी कॉम, पीवी सिंधु (PV Sindhu), मनु भाकर (Manu Bhaker), सौरभ चौधरी (Saurabh Chaudhary), अमित पंघल (Amit Panghal), विकास कृष्ण (Vikas Krishan) और बजरंग पुनिया (Bajrang Punia) शामिल हैं।