टोक्यो ओलंपिक में भारत के धुंआधार प्रदर्शन को देखते हुए हर राज्य के मुख्यमंत्री देश में खेलों के बढ़ावा देने के क्रम में कई प्रकार के योजना की बात कर रहे हैं। इसी बयानबाजी में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि हमारे खिलाड़ियों को ओलंपिक में 70 पदक जीतने की तैयारी करनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि वो राजधानी को 2047 के बाद वाले ओलंपिक के लिए तैयार कर रहे हैं। हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री ने शहर में स्पोर्टस यूनिवर्सिटी का उद्घाटन किया, जहां मुख्य अतिथि के रूप में 2000 सिडनी ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता कर्णम मल्लेश्वरी मौजूद थी।
राजधानी में तमाम सुविधा उपलब्ध होने के वजह से खिलाड़ी से भारत के अलग-अलग राज्यों से यहां का रूख करते हैं। जिसके बदौलत दिल्ली, भारत के अन्य शहरों से खेलों में आगे रहती है। भारत के कैप्टल होने के वजह हे खेलों की नजर से पूरा साल यहां पर हर प्रकार के स्पोर्टस एक्टिविटी का आयोजन होता है। जिसके वजह से यहां रहने वाले खिलाड़ियों भरपूर खेल सुविधाओं का लाभ मिलता है। इस शहर में नाना प्रकार के स्टेडियम मौजूद हैं। जिसमें इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम जहां बास्केटबॅाल, कुश्ती जैसे कई खेलों के अभ्यास के लिए जाना जाता है। सिरी फोर्ट स्पोर्टस कॉम्प्लेक्स जहां बैडमिंटन औऱ भी इंडोर खेलों के लिए सुविधाएं उपलब्ध है। जवाहर लाल नेहरू स्टेडयिम जो फुटबॅाल खेलों का आयोजन के लिए जाना जाता है।
दिल्ली से सटे यूपी और हरियाणा के खिलाड़ी यहां का रूख करते हैं। जिसकी वजह से दिल्ली के स्पोर्टस कल्चर को और भी मजबूती मिलती है। भारत में अगर पेशेवर तरीके से किसी भी खेल का आयोजन की बात करें तो यहीं पर होता है। दिल्ली में ही 1950 और 1982 में एशियन गेम्स का आयोजन हो चुका है। हर साल लगभग विभिन्न प्रकार के अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन यहां के लिए आम बात है।
साल भर स्पोर्टस इवेंट्स के आयोजन से यहां के लोगों में हमेशा खेलों के प्रति जिज्ञासा बनी रहती है। जिसकी बदौलत यहां पर कभी भी किसी प्रतियोगिता के खिलाडियों को स्पोंशर के पीछे भागना नहीं पड़ता। यहां पर खिलाड़ियों के पीछे स्पोंसर भागते दिखते हैं। ऐसे में देखना ये दिलचस्प होगा कि अरविंद केजरीवाल ने जिस मुस्तैदी से ओलंपिक के आयोजन की यहां बात कही है। क्या आने वाले साल में दिल्ली में ओलंपिक के आयोजन करने के लिए तैयार हो पाएगा? क्योंकि 2010 राष्ट्रमंडल खेलों के उम्मीद अनुसार आयोजन ना होने के वजह से अंतराष्ट्रीय स्पोर्टस कमेटी यहां पर इवेंट के आयोजन से कतराती है ।