भारतीय सेना की 'गोरखा राइफल्स', 'गढ़वाल राइफल्स', 'कुमाऊँ रेजिमेंट, और 'असम रेजिमेंट' जिसमे की हिमालय के क्षेत्र से ज्यादातर खिलाड़ी आतें है, भारत में फुटबाल की महाशक्ति माने जाते है। 60 के दशक में गोरखा ब्रिगेड फूटबाल टीम का वर्चस्व रहा , 1966 और 1969 में डुरंड कप के विजेता बने। वही मद्रास रेजिमेंटल सेंट्रल टीम ने 1955 और 1958 में डुरंड कप जीत सेना का वर्चस्व बनाये रखा। इसके अलावा सेना के खिलाड़ियों से भरी सर्विसेज की टीम भी भारतीय फुटबॉल में एक महाशक्ति बन उभरी जब 5 बार संतोष ट्रॉफी के अलावा वर्तमान राष्ट्रीय फुटबॉल चैंपियंस भी बने। गोरखा राइफल्स के श्याम थापा, अमर बहादुर गुरुंग और मद्रास रेजिमेंट के पीटर थंगराज जैसे खिलाडियों ने फुटबाल में भारत की उम्मीद बनाये रखने का काम किया है।
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