भारत ने गोल्फ जैसे खेल में अच्छी उन्नति कर ली है। एक समय ऐसा था जब गोल्फ को भारत में अमीरों का खेल कहा जाता था, लेकिन अब इसको लेकर लोगों को धारणा में काफी सुधार आया है। गोल्फ जैसे खेल को हिंदुस्तान के अलग-अलग वर्ग के लोगों ने खेलना शुरू कर दिया है। जीव मिल्खा सिंह के बाद ज्योति रंधावा, अनिरबन लहरी, अदिति अशोक, राशिद खान जैसे खिलाड़ी ने विश्व स्तर पर हमारे देश का नाम काफी रौशन किया है।
टोक्यो ओलंपिक के बारे में बात करें तो भारत के 3 खिलाड़ी ओलंपिक जैसे प्रतियोगिता का हिस्सा हैं। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या ये खिलाड़ी खेल महाकुंभ में वो कर दिखाने में सक्षम होते हैं जो अन्य़ भारतीय गोल्फर्स नहीं कर पाए।
इसी विषय पर बात करते हुए राष्ट्रीय कोच अमनदीप जोहल कहते हैं कि अगर हमारे खिलाड़ी उस दिन लय में रहते हैं तो ओलंपिक जैसे प्रतियोगिता में पदक जीत सकते हैं। अमनदीप ने स्पोर्सकीड़ा से आगे बात करते हुए कहा कि ये खिलाड़ी काफी समय से अंतराष्ट्रीय गोल्फ सर्किट का हिस्सा हैं। किस दिन कौन खिलाड़ी चल जाए ये कहना मुश्किल है।
अगर इन सब में कोई भी खिलाड़ी मेडल जीतने में सक्षम होता है तो कहीं ना कहीं इससे भारतीय गोल्फ को एक नया मुकाम मिल जाएगा। वहीं देश में गोल्फ के प्रति लोकप्रियता को लेकर अमनदीप ने भारत सरकार की सरहनीय कदम को लेकर धन्यवाद किया है। अमनदीप जो कई साल से भारतीय गोल्फ सर्किट का हिस्सा रह चुके हैं, वो आने वाले दिनों में उम्मीद कर रहे हैं कि इस खेल से जुड़ने वाली खिलाड़ियों की संख्या बहुत ज्यादा होगी।
2016 रियो ओलंपिक में अदिति अशोक के काबिल-ए-तारीफ प्रदर्शन के बाद हर कोई उनसे मेडल की उम्मीद लगाकर बैठे हैं। कोविड के वजह से किसी भी खिलाड़ी को उनके उम्मीदनुसार न तो प्रतियोगिता और न ही अभ्यास करने का मौका मिला है।
2020 में जिन खेलों का आयोजन था, उस महाकुंभ का आयोजन 1 साल बाद होना ये अपने आप में दर्शाता है कि ये ओलंपिक कई मायनों की ओलंपिक से अलग है। जापान में जिस तरह की कोविड के मामले बढ़ रहे थे। उससे इन खेलों के कैंसिल होने की बातें चल रही थी।
इंटरनेशनल ओलंपिक काउंसिल ने ये पहले साफ कर दिया था कि इन खेलों के आयोजन निर्धिरित समय पर होगा। पहले तो तय किया गया था कि इस प्रतियोगिता में 10,000 दर्शकों को आने का मौका दिया जाएगा लेकिन कोविड के बढ़ते मामलों ने इस प्रतियोगिता को टीवी प्रयोजित कार्यक्रम बनाकर रख दिया।