इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन 2022 में इंग्लैंड में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स का बहिष्कार कर सकती है। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि 2022 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेल में निशानेबाजी को शामिल नहीं किया गया है। उसकी जगह महिला क्रिकेट, बीच वॉलीबाल और पैरा टेबल टेनिस को शामिल किया गया है। यही वजह है कि भारतीय ओलंपिक संघ इसके बॉयकाट की योजना बना रहा है।
इस बारे में इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने खेल मंत्री किरण रिजिजू को एक खत लिखा है, जिसमें उन्होंने इस मुद्दे पर एक बैठक बुलाने की मांग की है। अपने लेटर में उन्होंने लिखा कि राष्ट्रमंडल खेल महासंघ को ये समझना चाहिए कि अब भारत विरोधी मानसिकता नहीं चलेगी। उनको ये समझने की जरूरत है कि भारत को आजादी 1947 में ही मिल गई थी और वो अब किसी का उपनिवेश नहीं है। उन्होंने लिखा कि हम काफी समय से देख रहे हैं कि भारत जब भी खेलों पर पकड़ बनाने लगता है , तब नियमों में बदलाव की कोशिश की जाती है।
गौरतलब है कि निशानेबाजी में भारत का प्रदर्शन हमेशा अच्छा रहता है। हिना सिद्धू, अपूर्वी चंदेला और मनु भाकर जैसे निशानेबाज लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और भारत को मेडल दिला रहे हैं। लेकिन अगले कॉमनवेल्थ गेम्स से शूटिंग को हटा दिया है, जिससे भारत को एक बड़ा झटका लगा है। निशानेबाजी के ना होने से पदक तालिका में भारत के स्थान पर काफी असर पड़ेगा। यही वजह है कि भारतीय ओलंपिक संघ इससे काफी नाराज है।
वहीं दिग्गज निशानेबाज हिना सिद्धू ने भी 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स के बहिष्कार की बात कही थी। अब उनकी इस बात का आईओए ने भी समर्थन किया है। हालांकि इसके लिए आईओए को सबसे पहले सरकार से मंजूरी लेनी होगी और इसीलिए नरिंदर बत्रा ने खेल मंत्री से मीटिंग करने की बात कही है। ताकि इस मुद्दे पर फैसला लिया जा सके।