Indian Rowing Squad For Olympics : पेरिस ओलंपिक के आगाज में अब दो दिन शेष रह गए हैं। सभी एथलीट्स अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। इस बार भारत की तरफ से ओलंपिक में रोइंग में भी चुनौती पेश की जाएगी। हालांकि भारत की तरफ से मात्र एक ही रोअर बलराज पंवार ओलंपिक में हिस्सा लेंगे और भारत की पूरी उम्मीदें सिर्फ उनसे ही रहेंगी। बलराज पंवार अपना ओलंपिक डेब्यू करेंगे और अगर वो मेडल जीतते हैं तो फिर रोइंग में भारत का यह पहला ओलंपिक मेडल होगा।
बलराज पंवार हरियाणा के मेवात जिले के रहने वाले हैं। उन्हें बजरंग लाल ठाकुर ने ट्रेन किया है। बजरंग लाल ठाकुर ने 2010 के एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था और 2008 के बीजिंग ओलंपिक में भी हिस्सा लिया था। उन्होंने ही बलराज पंवार को ट्रेनिंग दी है। बलराज मेंस सिंगल्स स्कल्स में हिस्सा लेंगे और ओलंपिक में इतिहास रचना चाहेंगे। अभी तक रोइंग में भारत को एक भी मेडल नहीं मिला है और बलराज पंवार चाहेंगे कि इस बार इस रिकॉर्ड को तोड़ा जाए।
रोइंग में भारत ने अभी तक नहीं जीता है एक भी मेडल
रोइंग में अगर भारतीय इतिहास की बात करें तो 2000 के सिडनी ओलंपिक में कसम खान और इंद्रपॉल सिंह ने पहली बार भारत का प्रतिनिधित्व किया था। इन दोनों की जोड़ी ने मेंस डबल्स कैटेगरी में हिस्सा लिया था। इसके बाद से भारत ने लगातार ओलंपिक में रोइंग इवेंट में हिस्सा लिया है लेकिन अभी तक एक बार भी मेडल नहीं मिला है। पिछली बार टोक्यो ओलंपिक में अरविंद सिंह और अर्जुन लाल जाट मेंस डबल्स में 11वें पायदान पर रहे थे। इसी वजह से बलराज पंवार के ऊपर काफी बड़ी जिम्मेदारी है।
बलराज ने ओलंपिक क्वालिफिकेशन टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीता था। इसी वजह से वो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में कामयाब रहे थे। एशियन गेम्स 2023 में वो ब्रॉन्ज मेडल जीतते रह गए थे। ओलंपिक में वो जरुर इस कमी को पूरी करना चाहेंगे।
आपको बता दें कि पेरिस ओलंपिक के लिए भारत की ओर से इस बार 16 खेलों में दावेदारी पेश की जाएगी। ओपनिंग सेरेमनी से एक दो दिन पहले से ही प्रतियोगिताएं शुरू हो जाएंगी।