एशियाई सॅटॅलाइट चैंपियनशिप को दो बार जीतकर और साल 2008 में वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप की उप-विजेता बनकर साइन नेहवाल ने पहले ही अपनी पहचान बना ली थी। बीजिंग ओलंपिक उनका पहला ओलंपिक था और उनसे कुछ ज्यादा अपेक्षा नहीं थी। लेकिन सभी चौंकाते हुए साइन नेहवाल क्वार्टरफाइनल में पहुंची जहां पर उन्हें हांगकांग की वांग चेन के हातों हार मिली। इसके बाद लंदन ओलंपिक्स में वें एक कड़म आगे बढ़ते हुए कांस्य पदक जीता।
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