किरेन रीजीजू ने कहा- उम्‍मीद है कि अगले साल कुछ खेल प्रतियोगिताएं आयोजित कर सकें

किरेन रीजीजू
किरेन रीजीजू

केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रीजीजू को उम्‍मीद है कि अगले साल की शुरूआत में देश कुछ खेल प्रतियोगिताएं आयोजित कराने में सफल होगा। भारत में कोरोना वायरस महामारी के कारण मार्च से खेल गतिविधियां ठप्‍प पड़ी हैं। तब सारे शिविर भी बंद करने पड़े थे। पिछले कुछ महीनों में एथलीट्स ने धीरे-धीरे ट्रेनिंग शुरू की है।

किरेन रीजीजू ने शनिवार को स्‍पोर्टकॉम की वार्षिक आम सभा में कहा, 'शुरूआत में मुझे लगा था कि अक्‍टूबर में कुछ खेल गतिविधियां आयोजित होंगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका क्‍योंकि कोविड-19 मामले बढ़ते गए। अभी तो कोई खेल प्रतियोगिताएं नहीं है, लेकिन मुझे आगे चीजें होती नजर आ रही हैं क्‍योंकि जल्‍द ही वैक्‍सीन आ जाएगी। अगले साल की शुरूआत में हम कुछ तरह के इवेंट्स दोबारा आयोजित करा सकते हैं।'

भारत में रिकॉर्ड 64 लाख कोविड मामले दर्ज किए गए, जिसमें से एक लाख से ज्‍यादा लोग जानलेवा वायरस में अपनी जान नहीं बचा सके। ऐसी भी मामले आए जब शीर्ष एथलीट्स कोविड-19 की चपेट में आए। कई हॉकी खिलाड़ी, बैडमिंटन खिलाड़ी और रेसलर्स कोविड-19 की चपेट में आए।

खेल मंत्री किरेन रीजीजू ने जानकारी दी कि वह खिलाड़‍ियों की प्रगति पर लगातार समीक्षा कर रहे हैं, जिन्‍होंने ट्रेनिंग शुरू कर दी है। किरेन रीजीजू जल्‍द ही जूनियर एथलीट्स के लिए कार्यक्रम की घोषणा भी करेंगे। किरेन रीजीजू ने कहा, 'एलीट एथलीट्स को पर्याप्‍त ट्रेनिंग मिल रही है। मैं लगभग रोजाना ही प्रगति की समीक्षा कर रहा हूं। कुछ खेलों को छोड़कर सभी एलीट एथलीट्स की ट्रेनिंग व कोचिंग जारी है। जल्‍द ही हम जूनियर खिलाड़‍ियों की ट्रेनिंग भी शुरू करेंगे।'

किरेन रीजीजू ने दी अहम जानकारी

केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रीजीजू ने शुक्रवार को बताया था कि फिट इंडिया अभियान में अब तक 10 करोड़ से ज्‍यादा लोगों ने हिस्‍सा लिया, जिससे नागरिकों के शारीरिक व मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार हो। रीजीजू ने कहा, 'मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लांच किए फिट इंडिया अभियान की समीक्षा की तो आपको बताते हुए खुशी हो रही है कि 10 करोड़ से ज्‍यादा लोगों ने इसमें अब तक हिस्‍सा लिया। अभियान को इस लक्ष्‍य के साथ लांच किया गया था कि नागरिकों की शारीरिक और मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार किया जा सके।'

किरेन रीजीजू ने कहा कि सरकार एथलीट्स के बीच किसी प्रकार का भेदभाव नहीं कर रही है। किसी प्रकार का भेदभाव नहीं है कि वो नियमित एथलीट है या फिर पैरा एथलीट। सभी एथलीट एकसमान हैं। सभी देश का मान हैं।