खेल मंत्री किरेन रीजिजू ने बुधवार को कहा कि भारत की राष्ट्रीय खेल विकास संहिता 2011 में छूट प्रदान की गई ताकि राष्ट्रीय खेल संघों (एनएसएफ) की मदद की जा सके। मंत्रालय ने सोमवार को सभी एनएसएफ और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को भेजे गए पत्र में कहा कि उसने खेल संहिता में छूट क्लॉज का उपयोग किया है, जिसके तहत किसी भी प्रावधान से संबंधित नियमों को आसान करने की शक्ति होगी।
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में फिट इंडिया ऑफिस के लोकार्पण के मौके पर बातचीत करते हुए किरेन रीजिजू ने कहा, 'कोविड-19 महामारी के दौरान हमने महासंघ को छूट दी थी। नवनीकरण और चुनाव के लिए आपको शारीरिक गति की आवश्यकता होती है जो संभव नहीं था। तो हमने छूट को आगे तक जारी रखा। खेल संघों की मान्यता के लिए खेल संहिता में दिशानिर्देश हैं। लेकिन कोविड जैसी विशेष परिस्थितियों के दौरान, ऐसी मदद प्रदान करना नैतिक कर्तव्य है। हम महामारी के दौरान किसी को दंडित नहीं कर सकते।'
इससे पहले, वकील से खेल कार्यकर्ता बने राहुल मेहरा ने कहा कि पत्र 'पूरी तरह से अवैध' था। मेहरा ने आईएएनएस से कहा, 'मंत्रालय ने अपने अधीन में एनएसएफ को स्वच्छ खेलों के लिए संहिता का पालन करने की वकालत की। अब यह एनएसएफ का समर्थन करने के लिए अलग बातों का सहारा ले रहा है क्योंकि उनमें से कई सुशासन के लिए सरकारी दिशानिर्देशों का पालन नहीं करते हैं।'
किरेन रीजिजू ने टोक्यो ओलंपिक्स का जिक्र किया
किरेन रीजिजू ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक्स की तैयारी के लिए मंत्रालय में कभी फंड की कमी नहीं आई। टोक्यो ओलंपिक्स इस साल 23 जुलाई से 8 अगस्त तक आयोजित होना है। केंद्रीयर सरकार ने सोमवार को 2021-22 का यूनियन बजट पेश किया, जिसमें खेल को 2,596.14 करोड़ रुपए आवंटित किए, तो पिछले वित्तीय साल की तुलना में 230.78 करोड़ या 8.16 प्रतिशत कम है। कोविड-19 महामारी के दौरान उस समय कोई खेल गतिविधि आयोजित नहीं हुई।
हालांकि, किरेन रीजिजू ने कहा कि 2019/20 की तुलना में अगले साल का वजट आवंटित हुआ है। पिछले साल खेल बजट महामारी के कारण इस्तेमाल नहीं हुआ। किरेन रीजिजू ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो संशोधित आवंटन के प्रावधान की गुजारिश करेंगे।'