अपने भारतीय ओलम्पियन को जानें: अभिनव बिंद्रा (शूटिंग)

अगर किसी को भारतीय खेल इतिहास की दस सर्वश्रेष्ठ उपलब्धियां बताने को कहा जाए तो उसकी सूची किस प्रकार होगी? भारतीय क्रिकेट टीम का 1983 वर्ल्ड कप जीतना? भारतीय हॉकी टीम का ओलंपिक में 11 पदक जीतना? लिएंडर पेस का 1996 में 44 साल बाद पहला ओलंपिक पदक जीतना? या फिर आपका ध्यान उस व्यक्ति पर जाएगा जिसने साल 2008 में बीजिंग में ओलंपिक में गोल्ड जीत कर भारत की शान बढ़ाई थी। 25 वर्षीय अभिनव बिंद्रा ने 11 अगस्त 2008 को 10मी एयर राइफल इवेंट मे हिस्सा लिया था, और दूसरे शूटर की तरह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी दिया था। पर किसी को इस बात का अंदाज़ा नहीं था के 90 मिनट बाद वो उस इवेंट को जीत कर इतिहास रच देंगे। अपने फाइनल स्कोर 104.5 तक पहुंच कर बिंद्रा ने स्वर्ण पदक तक का सफर कई मजबूत प्रतिभागियों को हराते हुए तय किया था। जो भी उस वक़्त बीजिंग में मौजूद थे सभी ने उनके इस प्रदर्शन की जमकर तारीफ की थी, और उनको पदक पर पदक जीतते हुए भी देखा है फिर चाहे कॉमन वेल्थ गेम्स की बात हो या राष्ट्रीय खेल। वासुदेवन भास्करण जिन्होंने समर गेम्स में भारतीय हॉकी टीम को गोल्ड दिलाया था, उनके बाद बिंद्रा ही ऐसे भारतीय हैं जिनके पास इस तरह की उपलब्धियां हैं। बिंद्रा पहले ऐसे भारतीय खिलाड़ी हैं जिनके नाम एक साथ दो-दो उपलब्धियां है वर्ल्ड चैम्पियनशिप गोल्ड और ओलंपिक गोल्ड के रूप में। बिंद्रा अब भी गोल्ड जीत सकते हैं, जिसके लिए वो काफी मेहनत भी कर रहे हैं। हाँ ये बात अलग है कि बिंद्रा अब अपने उस फॉर्म में नहीं नज़र आ रहे हैं जिसमें वो कुछ साल पहले थे। पर वो अभी भी ऐसे खिलाड़ी हैं जो गोल्ड जीतने की काबिलियत रखते हैं।