अपने भारतीय ओलंपियन को जानें: अवतार सिंह (जूडो) के बारे में 10 बातें

रियो ओलंपिक में क्वालीफाई करने वाले अवतार सिंह पहले जूडो खिलाड़ी हैं। 24 साल के अवतार सिंह को 90 किग्रा के भार वर्ग में 182 अंक मिले थे। अंतर्राष्ट्रीय जूडो फेडरेशन के मुताबिक उनकी रैंकिंग 79 है। वह खेलों के सबसे बड़े महाकुम्भ में शामिल होने वाले भारत के इतिहास में पहले जूडो खिलाड़ी हैं। आइये अवतार सिंह के बारे में हम आपको 10 बातें ऐसी बता रहे हैं, जो शायद ही आपको पता हो: #1 पंजाब के गुरदासपुर में 3 अप्रैल 1992 में अवतार का जन्म एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। बचपन में अवतार अपने माता-पिता के साथ कोठे घुराला गांव में फार्म में ही काम करते थे। #2 उनके पिता पंजाब सरकर के स्वास्थ्य विभाग में काम करते हैं और उनकी माता एक घरेलू महिला हैं। लेकिन उनके माता-पिता हमेशा से उनका समर्थन और उत्साहवर्धन करते रहे हैं। #3 अपने शुरुआती करियर में अवतार को भारतीय जूडो फेडरेशन की तरफ से ज्यादा सपोर्ट नहीं मिला है। वह सैमसन ग्रैंड प्रिक्स के लिए तुर्की में अपने पेरेंट्स के पैसे से ही गये थे। उन्होंने अपनी फिक्स डिपाजिट से पैसा निकालकर अवतार का टिकट करवाया था। “उन्होंने अपनी सभी फिक्स डिपाजिट तोड़ दिया है। जो उनके पूरे जीवन की कमाई है। उन्होंने सब मुझे दे दिया है। जब मुझे ओलंपिक का टिकट मिला तो वे काफी भावविभोर हो गये थे।” #4 पंजाब पुलिस में सब-इंस्पेक्टर को जेएसडब्लू स्पोर्ट्स और उनके कोच यशपाल सोलंकी ने भी मदद की है। जिन्हें भरोसा है कि ये युवा विश्व जुडो में काफी आगे जाएगा। साथ ही उसके पास वह क्षमता है, जो बड़े स्तर पर होनी चाहिए। #5 अवतार दिग्गज मिल्खा सिंह को अपना प्रेरणाश्रोत मानते हैं। साथ ही उन्हें आशा है कि वह ओलंपिक में देश का नाम ऊँचा करेंगे। उनका मुख्य उद्देश्य है कि वह अपने देश के तिरेंगे का मान बढ़ाएं। #6 साल 2008 में अवतार सिंह और उनके कोच के बीच काफी अनबन रहती थी, वह अन्य छात्रों के मुकाबले अवतार का समर्थन कम करते थे। वह जीतते भी थे, तो उनके कोच उन्हें हारा घोषित कर देते थे। एक समय ऐसा भी आया कि वह निराश होकर इस खेल को ही छोड़ देना चाहते थे। लेकिन उनके पिता ने उन्हें हिम्मत न हारने की सलाह दी। “मैं उन लोगों को ब्लैक और ब्लू दोनों बौट में हरा देता था, लेकिन वह मुझे हारा घोषित कर देते थे। उन्हें उनमें भरोसा नहीं था। वह अक्सर लोगों से कहा करते थे, ‘मेरा नाक काट देना अगर अवतार बड़ा खिलाड़ी बन ही नहीं सकता।’ इस दौरान अवतार के पिता ने उनका बहुत साथ दिया और उन्हें प्रोत्साहित करते रहे वह कहा करते थे, ‘अभी गेम छोड़ने का टाइम नहीं है अभी गेम खेलने का टाइम है।’ ” #7 अपने कद 6 फीट 4 इंच का पूरा इस्तेमाल करते हुए मैट पर अपना जलवा बिखेरा। वह अपने लम्बे पैरों का भी बेहतरीन इस्तेमाल करते हैं। उनके दोनों पैर उनका हथियार हैं। जो विरोधियों को चित्त करने में काफी मददगार होते हैं। वह अपने भार वर्ग में काफी फिट हैं। #8 आर्थिक वजहों से अवतार को साल 2015 में मात्र 6 इवेंट्स में खेलने का मौका मिला है। उन्होंने विश्व रैंकिंग 200 में काफी सुधार किया है। जिसकी वजह से वह क्वालीफाई भी किया है। वहीं अन्य जूडो खिलाड़ियों ने 20-30 इवेंट्स में भाग लिया, लेकिन उन्होंने में 6 में ही वह कर दिखाया। वह इस वक्त 79 विश्व रैंकिग पर हैं। इसी वजह से वह एशिया से दुसरे क्वालीफाई करने वाले जूडोका बने हैं। #9 बीते महीने उजेब्किस्तान में हुए एशियन चैंपियनशिप में अवतार ने कमाल का प्रदर्शन किया। जहाँ उन्हें 5वां स्थान मिला था। वह सेमीफाइनल में ताजीकिस्तान के कोम्रोंशोख उस्तोपिरिंग से हार गये थे। उन्होंने दर्शकों के चहेते इरान के सईद मोरादी को हराया था। हालाँकि वह चीन के क्सुन्ज्हाओ चेंग से हार गये थे। #10 साल 2014 ग्लासगो में हुए कामनवेल्थ खेलों में वह रजत पदक विजेता मैथ्यू प्रसी से 16वें राउंड में हार गये थे। लेकिन साल 2016 में गुवाहाटी और शिलॉन्ग में हुए दक्षिण एशियाई खेलों में 90 किग्रा भार वर्ग में अवतार ने स्वर्ण पदक जीता था। हम आशा करते हैं कि अवतार ओलंपिक खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके देश का मान बढ़ाएं। लेखक: तेजास, अनुवादक: जितेंद्र तिवारी

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