अपने भारतीय ओलंपियन को जानें: किदाम्बी श्रीकांत (बैडमिंटन)

किदाम्बी श्रीकांत ने अपने आप को बैडमिंटन का बड़ा स्टार साबित किया है। वें ऐसे स्टार बन गए हैं, जो अंतराष्ट्रीय स्तर पर किसी को भी चुनौती दे सकते हैं। छोटे से करियर में ही इस 23 वर्षीय खिलाड़ी के नाम सुपरसीरीज और ग्रैंड प्री जैसे ख़िताब है। उनके इसी मेहनत और लगन के कारण 2013 में उन्हें 338 वें स्थान से 2015 में सीधे टॉप 5 में देखा गया। 10वें स्थान पर मौजूद श्रीकांत के उपलब्धियों से जुडी 10 बातें:

  1. श्रीकांत नम्मालवार किदाम्बी आंध्र प्रदेश के गुंटूर से हैं और उनका जन्म 7 फरवरी 1993 को एक किसान परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम है KVS कृष्णा और माँ का नाम राधा है। श्रीकांत का बड़ा भाई नन्द गोपाल डबल्स खिलाडी है और डबल्स में उनकी मौजूदा रैंकिंग है, 102।
  2. श्रीकांत ने अपने खेल की शुरुआत डबल्स द्वारा की और फिर पुलेला गोपीचंद के कहने पर सिंगल खेलने की शुरुआत की। साल 2011 में इंडिया जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में पुलेला गोपीचंद ने उनकी प्रतिभा देखी और उन्हें सिंगल खेलने के लिए कहा। उसी साल उन्होंने कामनवेल्थ युथ गेम्स के मिक्स्ड डबल में रजत और पुरुषों के डबल मुकाबले में कांस्य पदक जीता।
  3. श्रीकांत 2009 में हैदराबाद में पुलेला गोपीचंद अकादमी से जुड़ गए। गोपीचंद की देखरेख में श्रीकांत सिंगल्स मुकाबले में भी अच्छा खेल दिखाने लगे। इसके तुरंत बाद उन्होंने पहले अंतराष्ट्रीय ख़िताब जीता। 2012 में हुए मालदीव अंतराष्ट्रीय चैलेंज में जूनियर विश्व चैंपियन ज़ुल्फडली ज़ुलकिफली को फाइनल ने हराया।
  4. इसके एक साल बाद ही SCG थाईलैंड ओपन में उन्होंने अपना पहला ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड जीतकर अपने आप को बड़े ख़िताब के लिए तैयार किया। कमाल का प्रदर्शन करते हुए उन्होंने वर्ल्ड रैंक नंबर 8 बूनसाक पोनसाना को सीधे सेटों में हराकर सभी को चौंका दिया। उनका प्रदर्शन ऑल इंडिया सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में भी जारी रही और उन्होंने मौजूदा चैंपियन पारूपल्ली कश्यप को हराया।
  5. साल 2014 में श्रीकांत सभी के नज़रों में आएं। फ़ूज़ौ में हैक्सिया ओलंपिक स्पोर्ट सेण्टर में 21 वर्षीय श्रीकांत ने दो बार के ओलिंपिक चैंपियन लीन डान 21-19, 21-17 से हराकर चीन ओपन सुपरसीरीज प्रीमियर ख़िताब अपने नाम किया। के कमाल की उपलब्धि थी क्योंकि इतने बड़े स्टार को सीधे सेटों में हराना कोई आसान काम नहीं था। ये जीत सभी भारतीय के लिए गर्व की बात थी क्योंकि पहली बार किसी पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी ने सिंगल मुकाबले में सुपरसीरीज ग्रैंड प्रिक्स ख़िताब अपने नाम किया था। श्रीकांत के करियर की ये बहुत बड़ी उपलब्धि थी। इसपर श्रीकांत ने कहा, "मैं लीन डान को देखकर बड़ा हुआ था। इसलिए चीन में मेरी पहली सुपरसीरीज जीत के लिए उन्हें हराना एक बहुत बड़ी बात है।"
  6. इसके बाद वें BFW वर्ल्ड सुपरसीरीज के सेमीफाइनल में पहुंचे और सैय्यद मोदी ग्रैंड प्रिक्स के फाइनल में पहुंचे। इस वजह से वें टॉप 5 खिलाडियों में शामिल हो पाएं। उसी साल मार्च में उन्होंने अपना दूसरा ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड, स्विस ओपन में जीता।
  7. इस उभरते हुए बैडमिंटन खिलाड़ी ने कुछ समय बाद ही अपने घरेलू दर्शकों के सामने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। दिल्ली के सीरी फोर्ट स्टेडियम में आयोजित इंडियन ओपन सुपरसीरीज के समय गोपीचंद के शिष्य ने डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसेन के खिलाफ 18-21, 21-13, 21-12 से वापसी करते हुए अपना पहला इंडियन ओपन सुपरसीरीज ख़िताब जीता।
  8. इसके कुछ महीनों के बाद का समय उस युवा खिलाडी के लिए बहुत कठिन रहा क्योंकि यहाँ पर वो अपना कारनामा वापस नहीं दोहरा पाएं। इसके बावजूद वें अपने करियर रैंकिंग में तीसरे स्थान पर पहुंचे।
  9. 2015 के अंत तक वें अपनी लय वापस पा चुके थे और इंडोनेशिया मास्टर्स के फाइनल में पहुंचे। जनवरी 2016 में उन्होंने सैय्यद मोदी चैंपियनशिप को से जीतकर अपने लय में वापस आने की बात बताई। दो बार इस ख़िताब के फाइनल में हारने के बाद यहाँ पर तीसरी बार उन्होंने 21-13, 14-21, 21-14 से हुआंग युक्सीअंग को हराया।
  10. हाल ही में उन्होंने भारतीय टीम को एशिया टीम चैंपियनशिप में कांस्य पदक जितवाया। ये मुकाबला इस साल के फरवरी में हुआ था और इसे हैदराबाद में आयोजित किया गया था। तीन दशक बाद यहाँ पर पहली बार किसी भारतीय को यहाँ पर पदक मिला था। वें चारों मैचेस में अजय रहे।
श्रीकांत किदाम्बी के बारे में कुछ और बातें:
  1. 2014 के जुलाई में श्रीकांत को मस्तिष्कावरण शोथ के कारण अस्पताल ने भर्ती किया गया, लेकिन अपने खेल के कारण उन्होंने शारीरिक और मानसिक रूप से वापसी की। "उस बीमारी ने मुझे बदला, इसने मुझे और ज्यादा मजबूती मिली।"
  2. उन्हें 2012 से गोस्पोर्ट्स फाउंडेशन का समर्थन हासिल है। इस फाउंडेशन को दान करनेवाले लोगों से पैऐ मिलते है।
  3. साल 2015 में उन्हें अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया।
  4. प्रीमियर बैडमिंटन लीग में वें बेंगलुरु टॉप गन्स के लिए खेले और वहां पर उन्होंने ली चोंग वी को वैसे ही हराया। ये पहला मौका था जब श्रीकांत ने मलेशियाई खिलाडी को हराया था।
  5. श्रीकांत अपने कोच गोपीचंद और ली डान को आपना प्रेरणाश्रोत मानाते हैं।
  6. आठ साल की उम्र में साल 2001 में इंग्लैंड चैंपियनशिप जीतकर वापस आये पुलेला गोपीचंद से श्रीकांत और उनके भाई ने मुलाकात की। पुलेला गोपीचंद का सम्मान समारोह श्रीकांत के घर के पास ही हो रहा था। पुलेला गोपीचंद की माँ ने श्रीकांत से कहा, "तुम्हे भी गोपी की तरह बनाना है," इससे श्रीकांत में बैडमिंटन के प्रति चाहत जगी।
लेखक: सुदेशना बनर्जी, अनुवादक: सूर्यकांत त्रिपाठी
Edited by Staff Editor
Sportskeeda logo
Close menu
WWE
WWE
NBA
NBA
NFL
NFL
MMA
MMA
Tennis
Tennis
NHL
NHL
Golf
Golf
MLB
MLB
Soccer
Soccer
F1
F1
WNBA
WNBA
More
More
bell-icon Manage notifications