एशिया ओलिंपिक क्वालीफ़ायर्स के स्टेज 2 के फाइनल राउंड को जीतते ही मौमा दास ने अपने लिए रियो ओलंपिक्स 2016 के दरवाजे खोल दिए। उज्बेकिस्तान की रिम्मा गुफ़्रानोव को 4-1 (11-13 11-9 13-11 11-7 12-10) से हराकर रियो ओलंपिक्स के लिए अपनी जगह पक्की की। इसके पहले वें 2004 के एथेंस ओलंपिक्स में का भी हिस्सा हो चुकी है। भारत की ओर से सबसे कामयाब महिला टेनिस खिलाड़ी के बारे में कुछ दिलचस्प 10 बातें जानते हैं: #1 मौमा दास का जन्म 24 फरवरी 1984 को पश्चिम बंगाल के नारकेलडंगा में हुआ। #2 साल 2013 में भारत सरकार ने उन्हें अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया था। #3 साल 1997 में उन्होंने पहली बार 13 साल की उम्र में कामनवेल्थ चैंपियनशिप में हिस्सा लिया। #4 साल 2001 में नई दिल्ली के कामनवेल्थ खेलों में उन्हें कांस्य पदक मिला था। #5 नारकेलडंगा साधारण समिति में भी वें लगातार खेलती है। #6 एथेंस ओलिंपिक 2004 में मौमा दास ने टेबल टेनिस के सिंगल मुकाबले में भारत की अगुवाई की थी। #7 मेलबॉर्न 2006, कामनवेल्थ खेलों में वें स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। #8 वें 2010 के दिल्ली कामनवेल्थ खेलों का भी हिस्सा रह चुकी हैं। वहां पर उन्होंने टीन ईवेंट में रजत पदक और टीम डबल ईवेंट ने कांस्य पदक जीता। #9 लगातार तीन साल 2005, 2006 और 2007 तक वें सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में सिंगल ईवेंट, डबल ईवेंट और कई ईवेंट की चैंपियन रह चुकी है। #10 वर्ल्ड टेबल टेनिस चैंपियनशिप में वें 13 बार भारत का प्रतिनित्व कर चुकी हैं। लेखक: तेजस, अनुवादक: सूर्यकांत त्रिपाठी