अपने भारतीय ओलम्पियन को जानें: महिला हॉकी खिलाड़ी पूनम रानी के बारे में 10 बातें

पूनम रानी भारतीय महिला हॉकी टीम की सबसे अनुभवी खिलाड़ी हैं। 36 साल बाद भारतीय टीम ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है, जिसमें पूनम रानी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आइये जाने फॉरवर्ड पूनम रानी के बारे में 10 खास बातें: #1 पूनम रानी का जन्म हरियाणा के हिसार में 8 फरवरी 1993 में हुआ था। पूनम ऐसे राज्य से संबंध रखती हैं, जहाँ लड़कियों के लिए समाज की राय जुदा है। लेकिन आज वह भारतीय हॉकी की एक नायाब सितारा हैं। #2 साल 2002 में मैनचेस्टर इंग्लैंड में हुए कामनवेल्थ खेलों में भारतीय टीम को स्वर्ण पदक जीतते देख वह काफी प्रभावित हुईं। “मैं उस वक्त युवा थी लेकिन लकड़ियों के हाथ में हॉकी देखकर मैं काफी प्रभावित हुई थी।” #3 राष्ट्रीय स्तर पर वह रेलवे की तरफ से खेलती हैं। जहाँ उनकी भूमिका प्राय: फॉरवर्ड की होती है। #4 वह उन चुनिन्दा खिलाड़ियों में से एक हैं, जिन्होंने भारत के लिए 150 से अधिक मैच खेले हैं। पूनम ने 159 मैचों में अबतक 26 गोल दागे हैं। “हॉकी इंडिया पूनम के 150 मैच खेलने की उपलब्धि से काफी खुश है। वह ऐसे ही टीम का अंग बनी रहे और भविष्य के लिए उन्हें शुभकामनाएं।” #5 वह अपने जूनियर के दिनों से ही एक बड़ी खिलाड़ी रही हैं। उनके कमाल के प्रदर्शन के चलते भारतीय टीम साल 2013 में जर्मनी में हुए जूनियर विश्वकप में तीसरा स्थान हासिल किया था। जिससे टीम को कांस्य पदक मिले थे। #6 साल 2008 चार देशों के बीच नीदरलैंड में टूर्नामेंट था वहीं से पूनम का अंतर्राष्ट्रीय करियर शुरू हुआ था। उन्हें भारत के लिए खेलते हुए 8 साल हो गये हैं। उन्हें इस वक्त भारतीय टीम का सबसे अनुभवी खिलाड़ी माना जाता है। #7 वह साल 2010 में दिल्ली में हुए एशियन खेलों और साल 2014 में ग्लासगो में हुए कामनवेल्थ खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थी। #8 24 साल की पूनम ने अबतक भारत के लिए दो बार विश्वकप (2010 और 2014) में खेल चुकी हैं। साल 2013 में हुए एशियन चैंपियंस ट्राफी की रजत पदक विजेता टीम का भी वह हिस्सा थी। #9 36 साल बाद भारतीय हॉकी के ओलंपिक में क्वालीफाई करने के बाद पूरी टीम को सम्मानित किया गया। इस दौरान हॉकी इंडिया वार्षिक अवार्ड 2015 में पूनम को 1 लाख रुपये नगद पुरस्कार से नवाजा गया। #10 बेल्जियम के एन्टवर्प में हुआ हॉकी वर्ल्ड लीग के सेमीफाइनल में जापान के खिलाफ 1-0 से जीत दिलाने के पूनम को याद किया जाता है। उनके शानदार खेल के बदौलत टीम ने तकरीबन 4 दशक बाद ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है।