अपने भारतीय ओलम्पियन को जानें: रुपिंदर पाल(हॉकी) के बारे में 10 बातें

रुपिंदर पाल सिंह ने साल 2010 सुल्तान अजलन शाह कप में भारतीय टीम में जगह बनाई थी। तब से आज तक वह टीम के अभिन्न अंग बने हुए हैं। गगन अजित सिंह के छोटे चचेरे भाई रुपिंदर ने बहुत कम उम्र में खेलना शुरू किया था। वह इस बार भारत की रियो जाने वाली टीम में भी शामिल हैं। अबतक रुपिंदर ने 132 मैचों में 52 गोल किए हैं। यहाँ हम रुपिंदर के बारे में 10 प्रमुख बातें बता रहे हैं: #1 रुपिंदर पाल सिंह उर्फ़ बॉब का जन्म 11 नवम्बर 1990 में पंजाब के फरीदकोट जिले में हुआ था। वह पूर्व फॉरवर्ड और अर्जुन अवार्ड से सम्मानित भारतीय हॉकी खिलाड़ी गगन अजीत सिंह के छोटे चचेरे भाई हैं। #2 वह 7 साल के तभी उन्होंने हॉकी को चुन लिया था। उसका बहुत ज्यादा श्रेय गगन अजीत सिंह को जाता है। उनके करियर को तब ऊँची उड़ान मिली जब उनका चयन चंडीगढ़ हॉकी अकादमी में हुआ। #3 25 साल के इस डिफेंडर ने साल 2010 में सुल्तान अजलन शाह कप से अपना डेब्यू किया था। जहाँ खराब मौसम की वजह से भारत और दक्षिण कोरिया संयुक्त विजेता बने थे। “हम अपनी कमजोरी से आने वाले महीनों में पार पाने में लगे हुए हैं, साथ ही हम रियो ओलंपिक में धमाल करने को तैयार हैं।” #4 एक साल बाद 2011 में रुपिंदर ने ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ सुल्तान अजलन शाह कप में हैट्रिक बनाई। टूर्नामेंट के अंत में रुपिंदर, पाकिस्तान के सोहेल अब्बास के साथ सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी बने थे। इसके अलावा उन्हें भारत के लिए आलराउंड खेल दिखाने के लिए आल स्टार टीम में भी चुना गया था। #5 रुपिंदर साल 2014 में एशियन खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम के हिस्सा भी रहे। जहाँ फाइनल में भारतीय टीम ने पाकिस्तान को हराया था। इसके साथ ही भारत को रियो का टिकट भी मिल गया था। #6 हॉकी वर्ल्ड कप में रुपिंदर को भारतीय टीम का उपकप्तान भी बनाया गया था। लेकिन दुर्भाग्यवश टीम इस बड़े इवेंट में 9वें स्थान पर फिसल गयी थी। जिसमें रुपिंदर कई बार नेट के पीछे ही रहे गये थे। #7 हॉकी वर्ल्ड लीग 2015 में कोच पॉल वैन एस ने रुपिंदर को बाहर करके टीम में वी रघुनाथ को शामिल किया था। हालाँकि उनका भाग्य यहाँ साथ दे गया और वी रघुनाथ चोट की वजह से बाहर हो गये। जिससे रुपिंदर को टीम में फिर मौका मिल गया। #8 रुपिंदर ने भारत के लिए साल 2015 के हॉकी वर्ल्ड लीग में जबरदस्त प्रदर्शन किया था। बेल्जियम से सेमीफाइनल में टाई हुए मुकाबले में हार गया था। लेकिन नीदरलैंड के खिलाफ तीसरे स्थान के लिए हुए मैच में पेनाल्टी शूटआउट में भारत ने जीत हासिल किया। इस 33 साल का मैडल का सूखा भारतीय टीम ने खत्म किया। रुपिंदर पाल ने इस मैच में निर्णायक पेनाल्टी स्ट्रोक से डच गोलकीपर पिर्मिन ब्लाक को बीट करते हुए रायपुर के सरदार वल्लभ भाई पटेल स्टेडियम में जश्न मनाना शुरू कर दिया था। “मुझे पक्का यकीन है कि कांस्य पदक भी भारतीय हॉकी के भविष्य के लिए एक नया सवेरा लाएगी।” #9 रुपिंदर को हॉकी इंडिया लीग में साल 2014 में दिल्ली वेवराइडर्स ने 56 हजार यूएस डॉलर में खरीदा था। रुपिंदर के 6 गोलों की मदद से वेवराइडर्स ने पहला एचआईएल का ख़िताब अपने नाम किया था। #10 रुपिंदर की क्षमता और फुलबैक पोजीशन पर उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। इस वजह से दिल्ली ने उन्हें अपनी टीम से बाहर कर दिया था। हालाँकि वेवराइडर्स ने उन्हें दोबारा से साल 2016 के एचआईएल नीलामी में मोटी रकम 68 हजार डॉलर में खरीदा है। रुपिंदर ने टीम प्रबन्धन के भरोसे को जायज ठहराते हुए एचआईएल 2016 में 12 गोल दागे और वह तीसरे नम्बर पर भी रहे। उनके शानदार प्रदर्शन के चलते वेवराइडर्स ने तीसरा स्थान भी हासिल किया। साथ ही उन्हें प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट और 50 लाख रुपये का नगद इनाम भी मिला।

Edited by Staff Editor
App download animated image Get the free App now