रियो ओलंपिक्स 2016 में ललिता बाबर के साथ 3000 मीटर स्टीप्लचेस रेस में सुधा सिंह भी भारत की ओर से हिस्सा लेंगी। इसके साथ ही वे इस खेल में उनके नाम नेशनल रिकॉर्ड भी है। ये रहे इस धावक से जुडी 10 बातें, जिन्हें आप शायद नहीं जानते हों:
- सुधा सिंह का जन्म 25 जून 1986 को उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हुआ था। मुम्बई की रहनेवाली 3000 मीटर धावक सेंट्रल जोन के भारतीय रेल के लिए काम करती है।
- अपना स्टैमिना और प्रदेशन सुधारने के लिए उन्होंने खास इटली और केन्या से ट्रेनिंग की है।
- जून 2012 में इबीओअमेरिकैनो डे अतलेटिसमो चैम्पियनशिप में 9:47.70 की टाइमिंग के साथ उन्होंने खुद का रिकॉर्ड तोड़ते हुए लंदन ओलंपिक्स के लिए जगह बनाई।
- साल 2010 में चीन में आयोजित एशियाई खेलों में भी सुधा सिंह ने हिस्सा लिया और 9:55:67 की टाइमिंग के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। 2007 में शांति सुंदरम द्वारा बनाये नेशनल रिकॉर्ड को सुधा सिंह ने तोडा।
- 2014 में दक्षिण कोरिया में हुए एशियाई खेलों में सुधा चौथी आई, लेकिन प्रथम स्थान पर आई रूत जुबेट ने लाइन क्रॉस करने के पहले अपना पैर दूसरे ट्रैक में कर दिया था। इसलिए सुधा सिंह को तीसरा स्थान दिया गया। ललिता बाबर इस रेस में दूसरी आई और 9:35:37 की टाइमिंग के साथ उन्होंने सुधा सिंह का रिकॉर्ड थोड़ा।
- मई 2016 में शंघाई में हुए IAAF डायमंड लीग मीट में सुधा सिंह ने नेशनल रिकॉर्ड को 9:25:55 की टाइमिंग से तोड़ते हुए इतिहास रचा। हालांकि यहाँ पर उन्हें आठवां स्थान प्राप्त हुआ।
- ओलंपिक्स के लिए क्वालीफाई कर चुकी सुधा सिंह को अप्रैल 2016 में हुए फेडरेशन कप में ललिता बाबर के हातों हार झेलनी पड़ी। पिछले साल चीन में हुए वर्ल्ड चैंपियनशिप में 2:35:35 की टाइमिंग के कारण उन्होंने रियो ओलंपिक्स के लिए अपनी सीट पक्की कर ली। "2014 के एशियाई खेलों के बाद 3000 मीटर का स्टीप्लेचेस ईवेंट ही मेरा खेल है। इसलिए मैं अपनी जगह पक्की करने के लिए थोड़ी चिंतित थी। मुझे ख़ुशी है की रियो ओलंपिक्स के पहले मुझे कई विदेशी टूर्नामेंट्स में हिस्सा लेने का मौका मिल रहा है।"
- सुधा सिंह और ललिता बाबर के कोच हैं, निकोलाई स्नेसरैव। दोनों खिलाड़ी एक ही खेल खेलते हैं और इसलिए उनमें प्रतिद्वंता होती है, लेकिन ट्रैक के बाहर वें अच्छे दोस्त हैं।
- सुधा सिंह नेशनल रिकॉर्ड को 5 सालों में 7 बार तोड़ चुकी है और इस खेल में भारत की ओर से सबसे बेहतरीन खिलाडी है।
- 2014 के स्टैण्डर्ड चार्टर्ड मुम्बई मैराथन के हाफ मैराथन कैटेगरी की विजेता थी और एयरटेल दिल्ली हाफ मैराथन 2014 की उप-विजेता थी।
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