अपने भारतीय ओलम्पियन के बारे में दस बात जानें: एमसी मैरीकॉम (महिला बॉक्सर)

अगर भारत में बॉक्सिंग की बात की जाए तो आम आदमी हो या खास सभी के दिमाग में एक ही नाम आता है और वो नाम है एमसी मैरीकॉम का। 32 वर्षीय इस खिलाड़ी का करियर एक दशक से भी ज़्यादा से बेहतरीन चला आ रहा है। जो दूसरों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं हैं। यहां मैरीकॉम के बारे में दस बातें हैं जो आपको जाननी चाहिए: #1 एमसी मैरीकॉम का जन्म 1 मार्च 1983 को कंगाथई, मणिपुर में हुआ था। उनके पिता का नाम मांगटे टोन्पा कॉम और माता का नाम मांगटे अखम कॉम है। मैरीकॉम अपने परिवार की सबसे बड़ी बेटी हैं। मैरीकॉम ने लोक्टक क्रिस्टेन मॉडल हाइ से छठी क्लास तक अपनी पढ़ाई की और फिर सेंट ज़ेवियर कैथोलिक स्कूल से क्लास आठ तक की पढ़ाई की। उसके बाद मैरीकॉम अदिमजाति हाई स्कूल, इम्फ़ाल से क्लास 9 और 10 की पढ़ाई की। #2 अपने बचपने से मैरीकॉम एक एथलीट रही हैं, उन्होंने बॉक्सिंग में बचपन से रूचि दिखाई और कई इवेंट में भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। #3 मैरीकॉम को साल 2000 में पहले स्टेट लेवेल बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में बेस्ट बॉक्सर का पुरुस्कार मिला था। उसके बाद उन्होंने बंगाल में हुई 7वीं ईस्ट इंडिया वोमेन बॉक्सिंग चैम्पियनशिप भी जीती। #4 साल 2001 से 2006 तक मैरीकॉम काफी बेहतरीन फॉर्म में रहीं और इस बीच उन्होंने लगातार छह नेश्नल टाइटल्स जीते। साथ ही साथ उन्होंने तीन मौकों पर एआईबीए वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप (2002, 2005, 2006) में 45 केजी और 46 केजी श्रेणी का खिताब भी जीता। #5 दो साल का ब्रेक लेने के बाद उन्होंने वापसी कर 2008 में वोमेन एशियन बॉक्सिंग चैम्पियनशिप सिल्वर पदक जीता। #6 साल 2009 में उन्होंने एशियन इंडोर गेम्स में स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद साल 2010 में 5th वर्ल्ड चैम्पियनशिप क्राउन भी उनके नाम रहा। #7 उसी साल मैरीकॉम ने एशियन गेम्स में कांस्य पदक भी जीता और फिर साल 2012 में एशियन वोमेन बॉक्सिंग में उन्होंने अपना चौथा स्वर्ण पदक जीता। #8 साल 2012 उनके लिए और भी बेहतर रहा और उन्होंने लंडन ओलंपिक में कांस्य पदक जीता। #9 साल 2014 में मैरीकॉम ने अपना दूसरा एशियन गेम्स पदक जीता, और इस बार स्वर्ण पदक की हकदार बनी। #10 2016 साउथ एशियन गेम्स में, मैरीकॉम ने 51केजी श्रेणी में स्वर्ण पदक जीत कर फिर से एक सकारात्मक शुरुआत की।