अपने भारतीय ओलंपियन को जानें: ओपी जयशा (धावक) के बारे में 10 बातें

जयशा को अपना करियर शुरू किए तकरीबन एक दशक हो चुका है। उन्होंने भारत को कई गौरवशाली पल दिए हैं। 32 साल की इस धावक ने 1500 मीटर और 3000 मीटर के इवेंट में लगातार प्रभावित करने वाला प्रदर्शन किया है। ऐसे में उनसे रियो में पदक की उम्मीदें बढ़ी हैं। जयशा के बारे जानने वाली 10 बातें: #1 ओपी जयशा का जन्म 23 मई 1983 में केरल में हुआ। #2 चंगनस्सेरी एजमसन कॉलेज की एलुमनाई रह चुकी जयशा साल 2005 में बैंकॉक में हुए एशियन इंडोर गेम्स में 1500 और 3000 मीटर में स्वर्ण पदक जीतकर लाइमलाइट में आईं। #3 यद्यपि साल 2006 में पट्टाया में हुए एशियन चैंपियनशिप में जैशा को 1500 मीटर में रजत और 3000 मीटर में कांस्य पदक जीता था। #4 यद्यपि उसी वर्ष मेलबर्न में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्हें वह सफलता नहीं मिल पायी थी। उसके बाद उन्होंने अपने पहले एशियन गेम्स में दोहा में साल 2006 में 5000 मीटर में कांस्य पदक जीता था। #5 जयशा ने साल 2008 में स्टीपलचेज में भी भाग लिया और पटियाला में हुए नेशनल इंटर-स्टेट एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 10:03.56 का समय निकालकर राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ दिया। इससे पहले सुधा सिंह ने 10:09.56 का समय निकालकर ये रिकॉर्ड बनाया था। #6 साल 2010 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में उनका प्रदर्शन खराब रहा और उन्होंने 9वां स्थान हासिल किया। लेकिन एशियन एथेलेटिक्स चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर दमदार वापसी की। #7 इंचियोन में हुए साल 2014 के एशियन गेम्स में जयशा ने पहली बार 1500 मीटर के इवेंट में 4:13.46 का समय निकालकर कांस्य पदक जीता। #8 लंबी दौड़ और स्टीपलचेज में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद जयशा ने बीते साल मुंबई मैराथन में भाग लिया और 2:37.29 का समय निकालकर महिला वर्ग का रिकॉर्ड तोड़ दिया। जो पूर्व में वल्ली सत्यभामा (2:39.10) के नाम था। साथ ही जयशा ने इस मैराथन में पहला स्थान भी हासिल किया। #9 मैराथन के एक महीने बाद जयशा ने केरल में हुए राष्ट्रीय खेलों में 5000 मीटर के इवेंट में 15:31.37 का समय निकालकर स्वर्ण पदक जीता। #10 साल 2015 बीजिंग में हुए वर्ल्ड चैंपियनशिप में मैराथन इवेंट में जयशा ने 18 वां और सुधा सिंह ने 19 वां स्थान हासिल करके रियो का टिकट हासिल किया। जयशा के बार कुछ अनसुनी बातें #1 जैशा बहुत ही गरीब परिवार की हैं। उनकी उम्र जब 5 साल की थी तभी उनके पिता एक बस दुर्घटना में चोटिल हो गये थे। ऐसे में उनके घर में कोई कमाने वाला नहीं था। #2 परिवार की आर्थिक तंगी और भयंकर गरीबी के चलते जयशा ने कई बार मिट्टी खाकर अपना पेट भरा।

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