अपने भारतीय ओलम्पियन को जानें: रोहन बोपन्ना(टेनिस) के बारे में 10 बातें

रोहन बोपन्ना भारत के शीर्ष डबल्स खिलाड़ियों में आते हैं। एक ग्रैंड स्लैम के फाइनल में पहुँच चुके हैं, साथ ही एटीपी मास्टर्स का ख़िताब भी जीत चुके हैं। इसके अलावा विश्व रैंकिंग शीर्ष 5 में भी शामिल हो चुके हैं। 36 बरस के टेनिस खिलाड़ी ने डेविस कप में भारतीय कैंपेन को आगे बढ़ाया था। बोपन्ना की इस वक्त रैंकिंग 11 है। वह लन्दन ओलंपिक में खेल चुके हैं। ऐसे में इस बार उनके लिए मौके काफी अच्छे हैं। यहाँ हम आपको रोहन बोपन्ना के बारे 10 महत्वपूर्ण बातें बता रहें हैं: #1 रोहन का जन्म 4 मार्च 1980 में कर्नाटक के कूर्ग में हुआ था। उनके पिता एमजी बोपन्ना एक कॉफ़ी प्लान्टर और माँ मलिका बोपन्ना घरेलू महिला थीं। उनकी एक बड़ी बहन रश्मि जो अब मुंबई में रहती हैं। #2 उनके माता-पिता टेनिस खेल को खूब पसंद करते थे। इसलिए वह चाहते थे कि रोहन टेनिस खेलें। इसलिए रोहन ने 11 साल की उम्र में ही टेनिस खेलना शुरू किया था। लेकिन 19 साल की उम्र तक बोपन्ना ने इस खेल को गंभीरता से नहीं लिया था। इस दौरान वह हॉकी और फुटबॉल से भी जुड़े रहे थे। #3 6 फीट 3 इंच के कद वाले बोपन्ना जिग्नेटिक सर्विस करने में माहिर थे। साल 2003 में बोपन्ना ने प्रो टेनिस खेलना शुरू कर दिया। साल 2007 तक बोपन्ना की रैंकिंग 213 थी और उन्हें इस बात का एहसास होने लगा था कि वह सिंगल्स में अच्छा नहीं कर पा रहे हैं। जबकि बोपन्ना डबल्स में काफी सफल साबित हुए थे। उन्होंने 2006 में अपने पाकिस्तानी पार्टनर ऐसाम-उल-हक़ के साथ एटीपी फाइनल में जगह बनाई। #4 साल 2007 में वह मुंबई में हुए फाइनल में रनर अप बने। इसके बाद बोपन्ना ने चैलेंजर सर्किट में लगातार चार ख़िताब एक ही साल में जीता। कुरैशी बोपन्ना के रेगुलर जोड़ीदार रहे हैं। इन दोनों ने साल 2008 में लोस एंजेलिस के एरिक बुटोरक में एटीपी ख़िताब जीता था। #5 साल 2010 तक बोपन्ना और कुरैशी की जोड़ी इंडो-पाक एक्सप्रेस के नाम से मशहूर हो गयी थी। इन दोनों ने एटीपी टूर में अपना मुकाम हासिल करना शुरू कर दिया था। इन दोनों ने जोहान्सबर्ग में अपना पहला टीम टाइटल जीता। इससे पहले वह ये दोनों 5 अन्य फाइनल में पहुँच गये थे। इन दोनों ने यूएस ओपन में कमाल का प्रदर्शन करते हुए बॉब ब्रायन/माइक ब्रयान के खिलाफ दो टाई-ब्रेक खेला। इसी साल बोपन्ना ने भारत को डेविस कप में अच्छा स्थान दिलाने में अहम योगदान दिया। बोपन्ना ने सिंगल्स रबर में ब्राज़ील के रिकार्डो मेल्लो निर्णायक मैच में हराया था। #6 बोपन्ना-कुरैशी ने जून साल 2011 में चैलेंजर टाइटल जीतकर बड़ी उपलब्धि हासिल की। इससे बोपन्ना टॉप 10 में आ गये थे। इस साल इन दोनों ने 3 एटीपी ख़िताब जीता था। जिसमें पेरिस मास्टर्स का ख़िताब काफी अहम था। ये इन दोनों के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि थी। #7 बोपन्ना साल 2012 में महेश भूपति के साथ भारत को ओलंपिक में मैडल दिलाने के इरादे से उतरे थे। पूरे दौरे पर वह सफल साबित हुए थे लेकिन इन दोनों को फ़्रांस के जुलिएन बेन्नेटौ/रिचर्ड गस्क़ुएत से 16वें राउंड में हार का सामना करना पड़ा था। हालाँकि इन दोनों ने दुबई और पेरिस मास्टर्स के फाइनल में जगह बनाई थी। इसके अलावा सिनसिनाटी मास्टर्स, शंघाई मास्टर्स और एटीपी के फाइनल में भी पहुंचे थे। #8 बोपन्ना और भूपति साल 2013 तक एक दूसरे के जोड़ीदार बने रहे। साथ ही दो ख़िताब जीता था। इसके बाद बोपन्ना ने एडोआर्ड रॉजर-वस्सेलिन और कोलिन फ्लमिंग के साथ भी जोड़ी बनाई थी। वसेलिन के साथ तो बोपन्ना ने विंबलडन के सेमीफाइनल तक का सफर तय किया। जहाँ उन्हें ब्रायन ब्रदर्स ने हराया था। अपने इस प्रदर्शन के दम पर बोपन्ना ने अपनी सबसे बेहतरीन रैंकिंग 3 हासिल की। #9 साल 2014 में बोपन्ना ने फिर कुरैशी को अपना जोड़ीदार बनाया और दुबई ओपन में जीत हासिल की। हालाँकि उनकी जोड़ी इस साल लम्बे समय तक बरकरार नहीं रही। साल 2015 में बोपन्ना ने पूर्व नम्बर एक डेनियल नेस्टर के साथ जोड़ी बनाई और सिडनी और दुबई ओपन में जीत हासिल की। #10 हालाँकि साल 2015 के बीच में बोपन्ना ने रोमानिया के फ़्लोरिन मेर्गेया के साथ जोड़ी बनाई। इस जोड़ी ने मेड्रिड मास्टर्स में ख़िताब जीता और अन्य तीन फाइनल में जगह बनाई। जिसमें एटीपी टूर का फाइनल भी शमिल था। साल 2016 में इनकी जोड़ी सिडनी ओपन के फाइनल में एक बार फिर नजर आई। कुछ और बातें रोहन बोपन्ना के बारे में जिन्हें आप जरूर जानें: #1 बोपन्ना के बारे में ये बात सबको पता है कि वह खाने के काफी शौक़ीन हैं। ट्राफी से ज्यादा उन्हें अच्छा खाना पसंद है। वह विदेश से जब वापस आते हैं, तो सीधे कूर्ग जाते हैं और स्थानीय खाने का मजा लेते हैं। उन्होंने बंगलौर में सिरस नाम का एक रेस्टोरेंट भी खोला है। #2 बोपन्ना की पसंदीदा फिल्म शोले और पसंदीदा किताब आंद्रे अगासी की आत्मकथा ओपन है। #3 बोपन्ना 6 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता स्टेफन एडबर्ग को अपना आदर्श मानते हुए आगे बढ़े हैं। इसके अलावा अभी की पीढ़ी में वह सचिन तेंदुलकर और रोजर फेडरर को अपना आदर्श मानते हैं। #4 साल 2010 में यूएस ओपन में बोपन्ना ने अपने पाकिस्तानी पार्टनर ऐसाम-उल-हक़ कुरैशी के साथ मिलकर दोनों मुल्कों में शांति बहाली के लिए “स्टॉप वार, स्टार्ट टेनिस” का मन्त्र दिया। उनके इस कदम को जल्द ही लोगों ने समझा और उन्हें साल 2010 में एटीपी आर्थर ऐश ह्यूमनटेरियन का अवार्ड मिला। भारत के अलावा मोनाच्को की संस्था पीस एंड सपोर्ट में उनके इस कदम को चैंपियन फॉर पीस कहा। #5 इसी तरह रोहन कई चैरिटी से भी जुड़े हैं। जिसमें एनजीओ ‘गोस्पोर्ट्स फाउंडेशन ’को वह सपोर्ट करते हैं। वह इस एनजीओ को सामान्यत: स्टॉप वार स्टार्ट टेनिस के मर्चेंडाइज से मिले प्रॉफिट को दान करते हैं। #6 इसी साल अपने 36वें जन्मदिन पर बोपन्ना ने बैंगलोर में एक टेनिस अकादमी भी खोली है।

Edited by Staff Editor
Sportskeeda logo
Close menu
WWE
WWE
NBA
NBA
NFL
NFL
MMA
MMA
Tennis
Tennis
NHL
NHL
Golf
Golf
MLB
MLB
Soccer
Soccer
F1
F1
WNBA
WNBA
More
More
bell-icon Manage notifications