अपने भारतीय ओलम्पियन को जानें: जम्पर रेंजिथ महेश्वरी के बारे में 10 बातें

रेंजिथ महेश्वरी रियो में भारत का प्रतिनिधित्व ट्रिपल जम्प में करेंगे। पिछले दो ओलंपिक में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद इस बार इस अनुभवी ओलम्पियन से देश को काफी उमीदें हैं। आइये रेंजिथ के बारे में जानें 10 तथ्य: #1 रेंजिथ महेश्वरी 30 जनवरी 1986 में केरल के कोट्टयम जिले में पैदा हुए थे। वह बचपन से एथेलेटिक्स में दिलचस्पी रखते थे। 9 वर्ष की उम्र में उन्होंने केरल स्पोर्ट्स कौंसिल के समर कैंप में भाग लेने गये थे। जहाँ उन्हें उनके कोच वीए जार्ज ने उन्हें एथेलेटिक्स में को गंभीरता से लेने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके आलावा उन्हें ट्रिपल जम्प के लिए ट्रेन भी किया। #2 2004 में एशियन खेलों के कैंप में महेश्वरी की मुलाकात केरल की ही वीएस सुरेखा से हुई जिनके नाम पोल वल्टिंग में राष्ट्रीय रिकॉर्ड था। साल 2009 में रेंजिथ और सुरेख ने शादी रचा ली। इन दोनों के लड़की है, जिसका नाम झिया रेंजिथ है। #3 रेंजिथ दक्षिण भारतीय रेलवे में मुख्य टिकट अधिकारी हैं। जबकि उनकी पत्नी आरक्षण सुपरवाइजर हैं। उनके एक छोटा भाई अभिजित और छोटी बहन अधीना है। #4 साल 2006 में उन्होंने भारत की तरफ से पहली बार एशियन खेलों में भाग लिया था। जहाँ उन्होंने चौथा स्थान हासिल किया था। तब उनकी उम्र 20 बरस थी, जिसके बाद उन्होंने खुद को काफी इम्प्रूव किया था। #5 साल 2007 में एशियन चैंपियनशिप में उन्होंने 17.19 मीटर की ट्रिपल जम्प इवेंट में स्वर्ण पदक जीता था। इस प्रदर्शन के पीछे उनकी पिछली गलती से सीख और अपने अनुभव का बेहतरीन इस्तेमाल ही था। #6 इस ट्रिपल जम्पर ने दिल्ली कामनवेल्थ खेलों में 17.19 मीटर की दूरी निकालकर कांस्य पदक जीता था। #7 साल 2012 में हुए एशियन ग्रैंड प्रिक्स में उन्होंने देश का मान बढाते हुए सोना जीता था। इसके आलावा वह 2007, 2011 और 2013 के विश्वकप मव भाग लेने गये लेकिन एक बार भी वह फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए हैं। #8 रियो से पहले वह दो बार ओलंपिक में भी खेल चुके हैं। जहाँ बीजिंग में साल 2008 और लन्दन में 2012 में वह ट्रिपल जम्प इवेंट में भाग ले चुके हैं। #9 साल 2010 में दिल्ली कॉमनवेल्थ खेलों में उन्होंने 17.07 का राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था। जिसे साल 2014 में अरपिंदर सिंह ने तोड़ा है। #10 वह साल 2008 में डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए गये थे। जिसके लिए उन्हें 6 महीने का सस्पेंशन झेलना पड़ा था। उनका प्रदर्शन बीजिंग में बेहद निराशाजनक था। जहाँ उनका स्कोर 15.77 मीटर था। तो वहीं लन्दन ओलंपिक में वह तीन बार फ़ाउल जम्प कर बैठे थे। जिसकी वजह से उनके ऊपर सवाल भी उठे थे।

Edited by Staff Editor
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