संदीप तोमर रियो ओलंपिक्स खेलों में भारत की ओर से 57 किलो फ्रीस्टाइल रैस्लिंग में हिस्सा लेंगे। भारत के ये पहलवान ओलंपिक पदक जीतने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाना चाहते हैं। ये रही उनसे जुड़ी 10 बातें:
- साल 1992 में उत्तर प्रदेश के भगपत जिले के मलकपुर गाँव में उनका जन्म हुआ था। ये युवा रैसलर रैस्लिंग की दुनिया में बड़े कदम बढ़ा रहे हैं और सुशिल कुमार ने जिसतरह 57 किलो कैटेगिरी में कामयाबी हासिल की थी, तोमर भी वैसा कुछ करना चाहते हैं।
- मंगोलिया में हुए विश्व ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में तोमर को तीसरा स्थान मिला था और उन्होंने यूक्रेन के एंड्री यात्सेनको को हराकर ओलंपिक के लिये अपनी सीट पक्की की थी। इसके साथ ही वें रियो ओलंपिक्स में योगेश्वर दत्त (पुरुषों की 65 किलो फ्रीस्टाइल), परवीन राणा (पुरुषों की 74 किलो फ्रीस्टाइल) और हरदीप सिंह (ग्रीको रोमन 98 किलो) के बाद क्वालीफाई करनेवाले चौथे रैसलर हैं। "मेव फेडरेशन (रैस्लिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया) ने मुझे मोंगोलिया से अपना ओलंपिक स्थान हासिल करने का मौका दिया और मैं इसे इसे हासिल कर पाया इसपर मुझे ख़ुशी है।"
- ये रैसलर 2011 का नेशनल जूनियर रैस्लिंग चैंपियन है और इसके बाद साल 2012 में 55 किलो वर्ग में राष्ट्रिय ख़िताब भी जीत चुकें है। उन्होंने इस खेल में काफी सुधार दिखाया था, क्योंकि पिछले साल उन्हें यहाँ पर पांचवा स्थान हासिल हुआ था।
- उन्हें उम्मीद है कि वें ओलंपिक में पदक जीतेंगे और इसके लिए वें कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इसके लिए वें अपने कोच की सभी बात मान रहे हैं और ओलंपिक में भारतीय तिरंगा लहराए इसके लिए भरपूर कोशिश कर रहे हैं। "ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर के मुझे बहुत ख़ुशी हुई है। मैंने इसके पहले जीतनी मेहनत की थी मुझे उसका फल मिला है। मुझे दुःख इस बात का है कि मैं वहां पर फाइनल तक नहीं पहुँच पाया।"
- इस साल उन्होंने उत्तर कोरिया के जोंग हक़-जिन को 2016 एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में हराकर स्वर्ण पदक जीता था। इस इवेंट में स्वर्ण पदक जीतनेवाले वें एकमात्र भारतीय हैं। इस टूर्नामेंट के बाद उनका मनोबल बढ़ा और उन्होंने ओलंपिक क्वालीफ़ायर में हिस्सा लेकर अपना जादू बिखेरा और रियो के लिए अपना रास्ता साफ किया।
- वें भारतीय नौसेना के लिए काम करते हैं और अपनी सफलता के पीछे भारतीय नौसेना का बड़ा हाथ मानते हैं। " भारतीय नौसेना ने मुझे मजबूत सहारा दिया। मैं उनके समर्थन का शुक्रगुजार हूँ।"
- बड़े मंच पर उन्होंने कई बार भारत का प्रतिनिधित्व किया है और 2014 के मिलिट्री वर्ल्ड गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर का गौरव बढ़ाया है। वें अपनी चालाकी और काबिलियत से विरोधी को छकाते हैं। यहाँ पर उनकी आक्रमकता भी काम आती है।
- जोहानिसबर्ग में 2013 कामनवेल्थ रैस्लिंग चैंपियनशिप के 55 किलो वर्ग में संदीप तोमर को स्वर्ण पदक मिला था। यहाँ पर उन्होंने भारत के नरेंद्र और दक्षिण अफ्रीका के बोकंग मसुंयाने को हराया था। "मैंने अपने आप से कहा कि अबतक मैंने अच्छा प्रदर्शन किया है। मुझे मेरे कोच ने जैसा बताया था उसी दिशा में मैं आगे बढ़ रहा हूँ। यहाँ पर मुझे अपने आप को शांत रखते हुए विरोधी की चाल समझकर उसके अनुसार अपना अगल कदम बढ़ाना था।"
- प्रो रैस्लिंग लीग में बैंगलोर फ्रैंचाइज़ी की JSW स्पोर्ट के ये तीसरे खिलाडी थे और उन्हें JSW स्पोर्ट ने 10.3 लाख में ख़रीदा था।
- संदीप तोमर एक अनुभवी रैसलर हैं और रैस्लिंग की दुनिया में बड़ा नाम बना चुके हैं। उन्होंने 2013 और 2014 के डेव शुल्ज मेमोरियल टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीता था। वर्ष 2015 में ईरान में तख्ती कप में उन्हें कांस्य पदक मिला था।
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