भारतीय क्रिकेट टीम की ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गाबा में जीत कई मायनों में खास रही। इससे भारत के जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा को सीख भी मिली। चोटिल खिलाड़ियों से जूझ रही टीम इंडिया ने न सिर्फ मजबूत ऑस्ट्रेलिया को गाबा में मात दी बल्कि 32 साल के उसके घमंड को चकनाचूर भी किया। ऑस्ट्रेलिया ने 32 साल से गाबा में कोई टेस्ट मैच नहीं गंवाया था। भारत की युवा टीम ने मौका का फायदा उठाकर टीम को चैंपियन बनाया, जिसने इस जीत को और भी विशेष बना दिया।
यह सीरीज कोविड-19 महामारी के कारण लगी पाबंदियों के बीच खेली गई। भारतीय टीम ने क्रिकेट पिच से ज्यादा बायो बबल में समय गुजारा। खिलाड़ियों ने तब भी ऑस्ट्रेलिया की चुनौती का सामना बखूबी किया। इस अनुभव से नीरज चोपड़ा को बहुत कुछ सीखने को मिला। नीरज चोपड़ा ने एक इंटरव्यू में कहा, 'इसमें कोई शक नहीं कि परीक्षण वाली स्थितियों में भारतीय क्रिकेटरों को शानदार प्रदर्शन करते देख बहुत अच्छा महसूस हुआ। अगर इसी तरह की स्थिति में ओलंपिक्स होते हैं तो हमें इसके लिए तैयार रहना होगा। इन लड़कों ने दिखाया कि आप सबसे परीक्षण वाली स्थितियों में भी बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।'
नीरज चोपड़ा ने आगे कहा, 'यह मेरे लिए सीख है। जी हां, आप प्रतियोगिता के दौरान बायो-बबल या कमरे में बंद होकर नहीं रहना चाहते हैं। मगर चीजें अगर वैसी नहीं हो तो हमें उसके लिए भी तैयारी करके रखना चाहिए।' 24 साल के एशियाई गेम्स चैंपियन ने पिछले साल बायो-बबल का अनुभव हासिल किया था। टोक्यो ओलंपिक्स के लिए क्वालीफाई होने के बाद दक्षिण अफ्रीका के पोचफूस्ट्रूम से वापसी के बाद नीरज चोपड़ा ने कुछ महीने एनआईएस पटियाला में बिताए। जहां शुरूआती दौर आसान था, वहीं नीरज चोपड़ा ने कहा कि लॉकडाउन के बढ़ने के कारण उन्हें अपने आप को व्यस्त रखने के लिए कई चीजें खोजनी पड़ी।
अपने आपको फिट रखने पर था पूरा ध्यान: नीरज चोपड़ा
नीरज चोपड़ा ने कहा, 'शुरूआत में हमें कहा गया कि दो महीने तक लॉकडाउन रहेगा, लेकिन यह लगातार बढ़ते गया। हम इसे ऑफ सीजन मानकर चलने लगे। कुछ हल्की ट्रेनिंग करते थे ताकि खुद को फिट रख सके। हम बस अपने आकार में रहना चाहते थे। ऐसा नहीं लगना था कि हम एथलीट ही नहीं हैं। मगर फिर समय के साथ यह बदलता गया। होस्टल कैंपस में वॉलीबॉल कोर्ट है, तो यह हमारा मनोरंजन का साधन बना। मेरे ख्याल से दुनियाभर में हमारे जैसे एथलीट्स इसमें उलझे। हम फिल्में देखते थे। यह थोड़ा अलग अनुभव था। मगर मैं यह नहीं कहूंगा कि हम बोर हुए।'
नीरज चोपड़ा अब टोक्यो ओलंपिक्स की तैयारियों में जुटे हुए हैं। चोपड़ा ने कुछ क्षेत्रों में गंभीर रूप से काम करने का मन बनाया है। नीरज चोपड़ा ने कहा, 'मैं अपनी ताकत और तकनीक पर काम कर रहा हूं न कि दूरी पर। मैंने 72-75 मीटर कवर किए। प्रतिस्पर्धी दौर के हिसाब से अभी और भी कुछ हासिल करना है।' नीरज चोपड़ा ने आखिरी बार स्पर्धा में 87.86 मीटर का भाला फेंका था जबकि उनका निजी सर्वश्रेष्ठ 88.06 मीटर है। नीरज का लक्ष्य 90 मीटर को पार करना है।