CWG 2022 : पीवी सिंधू के साथ हॉकी कप्तान मनप्रीत सिंह भी होंगे ध्वजवाहक

पीवी सिंधू और मनप्रीत सिंह, दोनो ओपनिंग सेरेमनी में सह-ध्वजवाहक होंगे।
पीवी सिंधू और मनप्रीत सिंह, दोनो ओपनिंग सेरेमनी में सह-ध्वजवाहक होंगे।

भारतीय ओलंपिक संघ ने पीवी सिंधू के साथ भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह को भी भारत का ध्वजवाहक नियुक्त किया है। IOA ने पहले आधिकारिक घोषणा कर दो बार की ओलंपिक मेडलिस्ट सिंधू को ध्वजवाहक घोषित किया था। लेकिन खेलों के आयोजकों ने एक महिला और एक पुरुष खिलाड़ी को ध्वजवाहक बनाए जाने के नियम से IOA को रूबरू करवाया , जिसके बाद मनप्रीत सिंह को भी सह ध्वजवाहक बनाया गया है। मनप्रीत सिंह टोक्यो ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम को ऐतिहासिक ब्रॉन्ज मेडल दिलाने वाली टीम के कप्तान थे और कॉमनवेल्थ खेलों में भी टीम की कप्तानी कर रहे हैं।

पीवी सिंधू ने 2016 रियो ओलंपिक में बैडमिंटन में महिला सिंगल्स का सिल्वर जीता था जबकि पिछले साल टोक्यो में इसी स्पर्धा का ब्रॉन्ज मेडल जीत ओलंपिक में दो मेडल लाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं। उनके अलावा सिर्फ पहलवान सुशील कुमार के पास एकल स्पर्धा में दो ओलंपिक मेडल हैं। इसी कारण सिंधू को ध्वज वाहक बनाया गया था। सिंधू पिछले कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड कोस्ट 2018 के लिए भी ध्वजवाहक थीं।

मनप्रीत सिंह और एमसी मैरीकॉम टोक्यो ओलंपिक में भारत के ध्वजवाहक थे।
मनप्रीत सिंह और एमसी मैरीकॉम टोक्यो ओलंपिक में भारत के ध्वजवाहक थे।

वहीं मनप्रीत सिंह ने पिछले कुछ सालों में भारतीय हॉकी टीम का कप्तान रहते टीम को कई बड़े मुकाम दिलाए हैं। लेकिन टोक्यो ओलंपिक का ब्रॉन्ज मेडल जीत उन्होंने 41 साल बाद हॉकी में पदक दिलाया। इस कारण उन्हें भी ध्वजवाहक बनने का मौका मिला है। हालांकि मनप्रीत सिंह टोक्यो ओलंपिक में भी बॉक्सर एमसी मैरीकॉम के साथ भारत के ध्वजवाहक थे।

जैवलिन थ्रो खिलाड़ी और टोक्यो ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा का इस बार ध्वजवाहक बनना तय था, लेकिन विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल के दौरान पिछले हफ्ते नीरज को मांसपेशी में खिंचाव आ गया था। हालांकि नीरज ने सिल्वर मेडल जीत लिया, लेकिन चोट के कारण उन्हे कॉमनवेल्थ खेलों से हटना पड़ा। ऐसे में सिंधू को पहले ध्वजवाहक चुना गया था।

भारत की ओर से 200 से अधिक खिलाड़ियों का दल इस बार 16 खेलों में भाग ले रहा है। शूटिंग इस बार कॉमनवेल्थ खेलों का हिस्सा नहीं है, और ऐसे में भारत को पदक तालिका में टॉप 4 में बने रहने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ेगी।

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Edited by Prashant Kumar