भारत को Paris Olympics 2024 में मिला पहला मेडल, मनु भाकर ने शूटिंग में रचा इतिहास; ब्रॉन्ज मेडल पर किया कब्जा

Manu Bhaker 10 M Pistol Shooting Bronze Medal Paris Olympics 2024
मनु भाकर ने जीता ब्रॉन्ज मेडल (Photo Credit:- X @TheKhelIndia)

Paris Olympics 2024 Manu Bhaker Clinched Bronze Medal: भारत का पेरिस ओलंपिक 2024 के दूसरे दिन ही पदक तालिका में खाता खुल गया है। भारत के लिए जहां ओपनिंग सेरेमनी के बाद पहला दिन खास नहीं रहा वहीं महिला शूटर मनु भाकर ने इतिहास रचते हुए देश को मौजूदा खेलों में पहला मेडल दिला दिया है। मनु ने यह उपलब्धि 10 मीटर पिस्टल शूटिंग इवेंट में यह इतिहास रचा है। भारत के लिए इस ओलंपिक में यह पहला मेडल है इससे पहले पिछले टोक्यो ओलंपिक में देश ने 7 मेडल अपने नाम किए थे। मनु ने फाइनल में 221.7 का स्कोर किया और अपना नाम इतिहास के पन्नों पर अमर कर दिया।

शूटिंग में ओलंपिक मेडल जीतने वाली पहली महिला

आपको बता दें कि मनु भाकर ओलंपिक मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। उनसे पहले चार पुरुष शूटर्स ने ही ओलंपिक मेडल जीते थे। देखते हैं किन शूटर्स ने कब जीता ओलंपिक मेडल:-

  1. राज्यवर्धन सिंह राठौर (मेन्स डबल ट्रैप)- सिल्वर (एथेंस ओलंपिक 2004)
  2. अभिनव बिंद्रा (मेन्स 10 मीटर एयर राइफल)- गोल्ड (बीजिंग ओलंपिक 2008)
  3. गगन नारंग (मेन्स 10 मीटर एयर राइफल)- ब्रॉन्ज (लंदन ओलंपिक 2012)
  4. विजय कुमार (मेन्स 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल)- सिल्वर (लंदन ओलंपिक 2012)
  5. मनु भाकर (वुमेन 10 मीटर पिस्टल फायर)- ब्रॉन्ज मेडल (पेरिस ओलंपिक 2024)

12 साल का सूखा हुआ खत्म

आपको बता दें कि 2012 ओलंपिक में भारत ने शूटिंग में आखिरी बार ओलंपिक मेडल जीता था। उसके बाद से देश को इस खेल में मेडल का इंतजार था। अब मनु भाकर ने इस इंतजार को खत्म कर दिया है। इससे पहले टोक्यो ओलंपिक में वह दुर्भाग्यशाली रही थीं जहां उनकी पिस्टल में टेक्निकल दिक्कत आ गई थी। मनु ने अब पूरे देश का नाम रोशन किया और ब्रॉन्ज मेडल जीतते हुए इतिहास रच दिया है।

क्या बोलीं मनु भाकर?

मेडल जीतने के बाद मनु भाकर ने खुशी जताई। उन्होंने कहा,'मैंने आखिरी तक काफी कोशिश की लेकिन ब्रॉन्ज भी देश के लिए जीतने के बाद मैं खुश हूं। मैंने गीता पढ़ी है उसमें भगवान कृष्ण ने कहा था कर्म करो फल की इच्छा ना करो। मैंने वही किया मैं देश के लिए मेडल जीतने के बाद खुश हूं।' टोक्यो में दुर्भाग्यशाली अंत को लेकर कहा कि मुझे बहुत वक्त लगा था वहां से बाहर निकलने में मैं बहुत दुखी थी। लेकिन जो हुआ सो हुआ अब देश को मेडल की जरूरत थी।

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Edited by Priyam Sinha
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