भारत के 22 साल के स्वर्ण पदक के सूखे को खत्म करते हुए मीराबाई चानू ने विश्व भारोत्तोलन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाया है। अमेरिका में हुए भारोत्तोलन चैंपियनशिप में 48 किलोग्राम वर्ग में मीराबाई चानू ने गोल्ड मेडल जीता। इसके साथ ही 48 किलोग्राम वर्ग में भारत्तोलन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली वो पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं। भारतीय रेलवे में कार्यरत चानू ने स्नैच में 85 किलो और क्लीन एंड जर्क में 109 किलो वजन उठाया। उन्होंने 48 किलो वर्ग में कुल 194 किलोग्राम वजन उठाकर अपना पिछला राष्ट्रीय रिकॉर्ड (192 किलोग्राम) तोड़ा।
मीराबाई का प्रदर्शन रियो ओलंपिक खेलों में उतना अच्छा नहीं रहा था लेकिन उस निराशा को पीछे छोड़ते हुए उन्होंने इतिहास रच डाला। इससे पहले 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने रजत पदक जीता था। वर्ल्ड एंटी डोपिंग एंजेसी (वाडा) के आने के बाद से भारत का ये पहला पदक है। इससे पहले साल 1997 में 46 किलोग्राम भार वर्ग में एन कुंजारानी देवी ने रजत पदक जीता था और 1995 में हुए इवेंट में 54 किलोग्राम भार वर्ग में कर्णम मल्लेश्वरी ने स्वर्ण पदक जीता था।
जीत के बाद स्पोर्ट स्टार से बातचीत में मीराबाई ने कहा कि ओलंपिक खेलों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने की वजह से मुझे काफी दुख हुआ। मैं अपने घर मणिपुर नहीं गई और मैंने अपना पूरा ध्यान पटियाला के राष्ट्रीय कैंप में ट्रेनिंग पर लगा दिया। मेरी मां ने हमेशा मेरा साथ दिया और मुझे मजबूती प्रदान की। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वो गोल्ड मेडल जीतेंगी, लेकिन इतना जरुर निश्चय किया हुआ था कि वो मेडल लेकर ही लौटेंगी। भविष्य की योजना के बारे में उन्होंने कहा कि वो कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स और 2020 में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए एक-एक करके तैयारी करेंगी। उन्होंने ओलंपिक में भी पदक जीतने की उम्मीद जताई।