अनुभवी टेबल टेनिस खिलाड़ी मौमा दास और महान धावक पीटी ऊषा के कोच माधवन नामबियर उन सात खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिन्हें 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर भारतीय सरकार द्वारा प्रतिष्ठित पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा।
मौमा दास और दिग्गज एथलेटिक्स कोच, जिन्हें ओम नामबियर के नाम से भी जाना जाता है, के अलावा पूर्व भारतीय महिला बास्केटबॉल टीम की कप्तान पी अनिता, लंबी दूरी की धावक सुधा, पूर्व भारतीय पहलवान वीरेंद्र सिंह और पैरा एथलीट केवाय वेंकटेश को भी खेल श्रेणी में देश के चौथे सबसे सर्वश्रेष्ठ नागरिक अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा।
हर साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अवॉर्ड विजेताओं के नाम की घोषणा की जाती है। पद्म अवॉर्ड को देश के राष्ट्रपति सम्मानित करते हैं।
बता दें कि 2013 में अर्जुन अवॉर्ड जीतने वाली मौमा दास पद्म श्री अवॉर्ड जीतने वाली दूसरी टेबल टेनिस खिलाड़ी बनी हैं। इससे पहले अचंता शरत कमल को 2019 में इस खिताब से सम्मानित किया गया था। कॉमनवेल्थ और दक्षिण एशियाई गेम्स में कई मेडल्स जीतने वाली मौमा दास ने कहा, 'मैं दिसंबर 2019 में मां बनी और कोविड महामारी के कारण इसके बाद खेल नहीं सकी। यह सम्मान मुझे मजबूत वापसी के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन देगा ताकि देश के लिए ज्यादा से ज्यादा खिताब जीत सकूं।'
सुधा को 2012 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। वह पद्म श्री सम्मान प्राप्त करने वाली दूसरी सबसे लोकप्रिय एथलीट हैं। सुधा 3000 मीटर स्टीपलचेस स्पर्धा में भारतीय ओलंपिक एथलीट हैं। इस स्पर्धा में राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी, सुधा ने 2005 से अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया है।
इन खेल हस्यिों को भी मिलेगा पद्म श्री सम्मान
सिंह एशियाई चैंपियन हैं। उन्होंने एशियाई गेम्स और कॉन्टिनेंटल चैंपियनशिप्स में कई स्पर्धाओं में दो गोल्ड और चार सिल्वर मेडल जीते हैं। उन्होंने लगातार दो ओलंपिक गेम्स 2012 और 2016 में भारत का प्रतिनिधित्व किया। नामबियर को पीटी ऊषा के कोच के रूप में जाना जाता है। उन्हें 1985 में द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। वीरेंद्र कोलंबिया के काली में 1992 वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप ब्रॉन्ज मेडल विजेता पहलवान हैं। उन्होंने 1995 में कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था।
वेंकटेश पैरा एथलीट हैं, जिनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हैं क्योंकि 2005 में उन्होंने वर्ल्ड ड्वार्फ गेम्स में सबसे ज्यादा मेडल जीते थे। वेंकटेश ने 1994 में जर्मनी के बर्लिन पहली अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (आईपीसी) एथलेटिक्स वर्ल्ड चैंपियनशिप्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।
अंशू जमसेनपा भारतीय पर्वतारोही और एक सीजन में दो बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली दुनिया की पहली महिला हैं। वह पांच दिनों के अंदर सबसे तेज दो बार समिटर भी हैं। इस साल किसी खिलाड़ी को पद्म विभूषण या पद्म भूषण से सम्मानित नहीं किया जाएगा।