NADA ने ओलंपिक्स से पहले एथलीट बायोलॉजिकल पासपोर्ट कार्यक्रम शुरू किया, सुनील शेट्टी बने ब्रैंड एम्बेसडर 

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राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने टोक्यो ओलंपिक्स 2020 से पहले एथलीट बायोलॉजिकल पासपोर्ट कार्यक्रम शुरू किया है। इसके साथ ही उन्होंने अभिनेता सुनील शेट्टी को नया ब्रैंड एम्बेसडर भी नियुक्त किया है। दिल्ली में हुए एक इवेंट के दौरान यह घोषणा की गई और केंद्रीय युवा मामले और खेल राज्‍य मंत्री श्री किरण रिजिजू भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे।

एथलीट बायोलॉजिकल पासपोर्ट (एबीपी) कार्यक्रम को लेकर नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने मंगलवार को कहा, "हमने एक एथलीट बायोलॉजिकल पासपोर्ट कार्यक्रम शुरू किया है जिसके उपयोग से हम किसी एथलीट के शरीर के कई मापदंडों का अध्ययन कर सकते हैं। एबीपी का उपयोग करके हम किसी भी समय किसी खिलाड़ी द्वारा डोपिंग करने की बात जान सकते हैं जिससे हमें सजा देने में आसानी होगी।" उन्होंने यह भी कहा कि यह कार्यक्रम इसलिए शुरू किया गया है ताकि कोई भी खिलाड़ी डोपिंग में न पकड़ा जाए और देश का नाम खराब न हो।

किरण रिजिजू ने डोपिंग के बारे में जागरूकता पैदा करते हुए कहा कि खेलों की स्‍वच्‍छ भावना का खिलाडि़यों में शुरूआत से ही समावेश किया जाना चाहिए। फिल्‍म कलाकार सुनील शेट्टी को नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (एनएडीए) का ब्रांड एम्‍बेसडर नियुक्‍त करने के संबंध में आयोजित समारोह में श्री रिजिजू ने कहा स्‍वच्‍छ खेल सरकार का एजेंडा है और खिलाडि़यों को सफलता हासिल करने के लिए साफ-सुथरी प्रक्रियाएं अपनानी चाहिए। खिलाडि़यों को डोपिंग जैसे घटिया साधनों का इस्‍तेमाल नहीं करना चाहिए, क्‍योंकि इनसे देश का नाम बदनाम होता है। उन्होंने यह भी कहा कि अपने सीमित संसाधनों के साथ नाडा डोपिंग और इसके दुष्‍प्रभावों के बारे में खिलाडि़यों को जानकारी देने के लिए सराहनीय कार्य कर रही है।

ब्रैंड एम्बेसडर नियुक्त किये गए अभिनेता सुनील शेट्टी ने कहा कि वह काफी खुश और गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं कि उन्हें यह मौका दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि मेरे खेल के बारे में जानकारी का इसमें काफी फायदा होगा और मैं युवाओं को प्रोत्साहित करना चाहता हूँ। देश में खेल की मौजूदा स्थिति के बारे में उन्होंने कहा कि काफी अच्छा लगता है कि खेलों को इतना ज्यादा बढ़ावा दिया जा रहा है।

NADA के बारे में उन्होंने कहा कि उनकी तरफ से काफी काम किया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया जा सके और वह गलत पदार्थ का सेवन करने से बचें। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि खिलाड़ियों को योगा भी करना चाहिए क्योंकि यह काफी फायदेमंद होता है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सही तरह से ट्रेन किये गए कोच और डायटीशियन को ही मौका मिलना चाहिए, ताकि खिलाड़ियों को पता चल सके कि उनके लिए क्या सही है और क्या गलत है।

Edited by निशांत द्रविड़
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