नीरज चोपड़ा को मिलेगा पद्म श्री और परम विशिष्ट सेवा मेडल, देवेंद्र झाझरिया को मिलेगा पद्म भूषण, देखिए पूरी लिस्ट

नीरज चोपड़ा को पद्मश्री और परम विशिष्ट सेवा मेडल दिया जाएगा
नीरज चोपड़ा को पद्मश्री और परम विशिष्ट सेवा मेडल दिया जाएगा

पिछले साल टोक्यो ओलंपिक में देश को ट्रैक एंड फील्ड का पहला गोल्ड दिलाने वाले जैवलिन थ्रो खिलाड़ी नीरज चोपड़ा को देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री दिए जाने का ऐलान हुआ है। नीरज को भारतीय सेना में रहते हुए खेलों में विशेष योगदान के लिए PVSM यानि परम विशिष्ट सेवा मेडल भी दिया जाएगा। नीरज के अलावा 7 अन्य को खेल के क्षेत्र में पद्म श्री दिए जाने की घोषणा हुई है जिनमें पैरालंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अवनि लेखड़ा, प्रमोद भगत शामिल हैं। जबकि पैरालंपिक खेलों में देश को दो गोल्ड दिलाने वाले पहले खिलाड़ी देवेंद्र झाझरिया को पद्म भूषण से नवाजा जाएगा। राष्ट्रपति भवन से आधिकारिक रूप से इस सूची की घोषणा हुई है।

पद्म सम्मान भारत रत्न के बाद दिए जाने वाले देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान हैं जिनमें पद्मविभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री शामिल हैं। ये कला, साहित्य, संस्कृति, विज्ञान, खेल जैसे कई क्षेत्रों में अभूतपूर्व योगदान देने वाली शख्सियतों को दिया जाता है। खेल के क्षेत्र में इस बार पद्म पुरस्कारों की जीतने वाले खिलाड़ियों की सूची

पद्म भूषण -

1) देवेंद्र झाझरिया - पैरा जैवलिन थ्रो खिलाड़ी देवेंद्र झाझरिया ने साल 2004 एथेंस पैरालंपिक खेलों में गोल्ड जीतकर इतिहास रचा था और ऐसा करने वाले पहले भारतीय पैरा ऐथलीट बने थे। झाझरिया ने साल 2016 में रियो पैरालंपिक खेलों में भी गोल्ड जीता। पिछले साल टोक्यो पैरालंपिक खेलों में उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा। झाझरिया को साल 2012 में पद्म श्री दिया जा चुका है और वो इस सम्मान को जीतने वाले पहले पैरा ऐथलीट हैं। पद्म भूषण पाने वाले भी झाझरिया पहले पैरा ऐथलीट हैं।

पद्म श्री -

1) नीरज चोपड़ा - टोक्यो ओलंपिक खेलों में नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो का गोल्ड जीतकर देश को दूसरा एकल ओलंपिक गोल्ड दिलाया। उनसे पहले सिर्फ अभिनव बिंद्र ने एकल स्पर्धा का गोल्ड जीता था। ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धा में भारत के नाम हुआ यह पहला ओलंपिक गोल्ड है। नीरज अंडर-20 विश्व चैंपियन रह चुके हैं। नीरज चोपड़ा भारतीय सेना में जूनियर कमिशन्ड ऑफिसर भी हैं और उन्हें खेलों में उनके शानदार योगदान के लिए भारतीय सेना द्वारा परम विशिष्ट सेवा मेडल दिए जाने की आधिकारिक घोषणा की गई है।

2) सुमित एंतिल - पैरा जैवलिन थ्रो खिलाड़ी एंतिल ने 2020 टोक्यो पैरालंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीता था। पैरालंपिक फाइनल में सबसे ज्यादा दूरी 68.55 मीटर नापने का विश्व रिकॉर्ड भी एंतिल के नाम है। एंतिल को पिछले साल मेजर ध्यानचंद खेल रत्न भी दिया गया।

3) अवनि लेखड़ा - पैरा शूटर अवनि पैरालंपिक खेलों में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं। टोक्यो पैरा खेलों में अवनि ने 10 मीटर एयर रायफल में पहले तो गोल्ड जीता फिर 50 मीटर रायफल थ्री पोजिशन में ब्रॉन्ज भी अपने नाम किया। अवनि को भी पिछले साल खेल रत्न दिया गया था।

4) प्रमोद भगत - बिहार के रहने वाले पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत ने 2020 टोक्यो पैरालंपिक खेलों में अपनी कैटेगरी का गोल्ड जीता। प्रमोद 2013, 2015, 2017 और 2019 में विश्व पैरा बैडमिंटन चैंपियन बन चुके हैं। प्रमोद को खेल रत्न दिया जा चुका है।

5) वंदना कटारिया - भारतीय महिला हॉकी टीम की फॉरवर्ड सदस्य वंदना कटारिया टोक्यो ओलंपिक में टीम का हिस्सा थीं। टोक्यो ओलंपिक खेलों में भारतीय महिला हॉकी टीम ने सेमिफाइनल तक का सफर तय कर पदक की आशा प्रबल कर दी थी। हालांकि टीम कांस्य पदक के लिए हुए मुकाबले में हार गई लेकिन टीम के जज्बे ने पूरे देश का दिल जीता। 29 साल की वंदना सीनियर टीम के लिए 200 से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले खेल चुकी हैं।

6) शंकरनारायण मेनन सी - 93 सालके शंकरनारायम मेनन केरल की ऐतिहासिक मार्शल आर्ट कलरिपयट्टू के विख्यात जानकार हैं। इस कला को खुद सीखने के बाद मेनन ने नई पीढ़ी को कई सालों तक इसके गुर सिखाए हैं।

7) फैसल अली दार - फैसल को कूंग-फू मास्टर भी कहा जाता है। फैसल कश्मीर में अपनी विशेष अकादमी चलाते हैं और बच्चों और बड़ो को कूंग-फू के गुर सिखाते हैं। आतंक के साए में एक मार्शल आर्ट के लिए इस तरह के योगदान के लिए उन्हें सम्मानित किया जा रहा है।

8) ब्रह्मांनन्द संखवलकर - साल 1983 से 1986 तक भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान रहे संखवलकर को देश के फुटबॉल इतिहास के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर में गिना जाता है। कुल 25 साल लंबे फुटबॉल करियर में संखवलकर ने चर्चिल ब्रदर्स, सलगाओकर जैसे दिग्गज घरेलू फुटबॉल क्लबों के लिए भी योगदान दिया। साल 1983 और 1984 में गोवा के लिए खेलते हुए दो बार टीम को संतोष ट्रॉफी जीताने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई।

Edited by निशांत द्रविड़