भारत के अर्जुन सिंह और सुनिल सिंह ने 29 सालों के बाद एशियन गेम्स में देश को कैनोइंग का पदक दिलाने में कामयाबी हासिल की है। अर्जुन-सुनील की जोड़ी ने पुरुषों की 1000 मीटर डबल स्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल जीता। इससे पहले भारत ने साल 1994 के हिरोशीमा एशियन गेम्स में कैनोइंग का ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
1000 मीटर डबल्स स्प्रिंट में उजबेकिस्तान ने 3 मिनट 43 सेकेंड का समय लेकर गोल्ड मेडल जीता। कज़ाकिस्तान को 3 मिनट 49 सेकेंड के साथ सिल्वर और भारतीय जोड़ी को 3 मिनट 53 सेकेंड के साथ ब्रॉन्ज मेडल प्राप्त हुआ। साल 1994 में जॉनी रॉमेल और सिजी कुमार ने इसी स्पर्धा में तीसरा स्थान पाया था।
भारतीय महिलाओं ने किया निराश
हांगझाओ एशियन गेम्स में मंगलवार को कनोई की कुछ और स्पर्धाएं भी हुईं। महिलाओं की कनोइ स्प्रिंट एकल स्पर्धा के फाइनल में भारत की सोनिया देवी 8वें स्थान पर रहीं। इस स्पर्धा का गोल्ड चीन, सिल्वर सिंगापुर और ब्रॉन्ज ईरान को मिला। सोनिया देवी महिला कनोई स्प्रिटं कयाक 500 मीटर में भी भारतीय टीम का हिस्सा थीं। इस स्पर्धा में भारतीय महिला टीम फाइनल में आखिरी स्थान पर रही। भारतीय टीम ने 1 मिनट 55 सेकेंड के समय में रेस पूरी की जबकि गोल्ड जीतने वाली चीनी टीम ने 1 मिनट 39 सेकेंड का समय लिया। भारतीय महिला टीम कनोई डबल्स 200 मीटर रेस में भी आखिरी पायदान पर रही।
पदक तालिका में चीन का दबदबा
फिलहाल पदक तालिका में भारत 13 गोल्ड, 24 सिल्वर और 25 ब्रॉन्ज के साथ चौथे स्थान पर है। भारत के कुल 62 पदक हैं। मेजबान चीन हमेशा की तरह इस बार भी भारी अंतर से पदक तालिका में पहले स्थान पर है। चीन के 155 गोल्ड, 82 सिल्वर और 43 ब्रॉन्ज समेत कुल 280 पदक हैं। वहीं दूसरे स्थान पर मौजूद जापान के 33 गोल्ड, 45 सिल्वर और 49 ब्रॉन्ज हैं। तीसरे स्थान पर 31 गोल्ड, 42 सिल्वर और 63 ब्रॉन्ज के साथ दक्षिण कोरिया का दल है।