भारत की पुरुष वॉलीबॉल टीम ने चीन के ह्वांगझाओ एशियन गेम्स में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। भारत ने वॉलीबॉल स्पर्धा के अपने दूसरे पूल मैच में दक्षिण कोरिया को मात देकर अगले दौर में प्रवेश किया। भारत ने पांच सेट तक चला यह कड़ा मैच 25-27, 29-27, 25-22, 25-20, 17-15 से जीता। दक्षिण कोरिया की टीम ने साल 1978, 2002, 2006 में एशियन गेम्स में गोल्ड जबकि साल 2018 के एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल जीता था और इस लिहाज से भारत की यह जीत काफी बड़ी मानी जा रही है।
हांगझोउ के टेक्सटाइल सिटी स्पोर्ट्स स्टेडियम में खेले गए मैच से पहले कोरिया को जीत का दावेदार माना जा रहा था क्योंकि दक्षिण कोरियाई टीम विश्व वॉलीबॉल रैंकिंग में नंबर 27 पर है जबकि भारत की रैंक 73 है। लेकिन टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने ऐतिहासिक प्रदर्शन कर करीब ढाई घंटे तक चले मैच को अपने नाम किया। भारत के लिए अमित ने सर्वाधिक 24 अंक बटोरे जबकि विनीत और अशवल ने 19-19 अंक दिलाने में अहम भूमिका निभाई। पिछले 10 सालों में भारत की यह कोरियाई टीम पर पहली जीत है।
भारत ने प्रतियोगिता में पूल सी में अपना पहला मुकाबला कम्बोडिया के खिलाफ जीता था और इस लिहाज से लगातार दूसरी जीत के साथ भारत की टीम अगले दौर में पहुंच गई है। भारत के चिर-प्रतिद्वंदी पाकिस्तान ने भी लगातार दूसरी जीत के साथ पूल डी से राउंड ऑफ 12 में जगह बनाई। भारत का सामना राउंड ऑफ 12 में पूल डी में पाकिस्तान के बाद दूसरे स्थान पर रहने वाली टीम से होगा। मंगोलिया और चीनी ताइपे के बीच होने वाले पूल डी के आखिरी मुकाबले से भारत का अगला विरोधी तय होगा।
37 साल से पदक नहीं
पिछली बार साल 2018 में हुए एशियन गेम्स में भारतीय टीम प्री-क्वार्टरफाइनल में बाहर हुई थी। सभी संस्करणों की बात करें तो साल 1958 में पहली बार जब वॉलीबल को एशियन गेम्स में शामिल किया गया तो भारत ने कांस्य पदक जीता था। साल 1962 में भारतीय टीम रजत पदक जीतने में कामयाब रही थी और यह टीम इंडिया का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। 1986 में भारत ने आखिरी बार पोडियम फिनिश कर कांस्य पदक जीता था।