भारतीय पुरुष वॉलीबॉल टीम हांगझाओ एशियन गेम्स के क्वार्टरफाइनल में पहुंच गई है। टीम ने चीनी ताइपे को तीन सेटों में 25-22, 25-22, 25-21 से हराते हुए अंतिम-8 टीमों में अपना स्थान पक्का किया। ताइपे की विश्व रैंकिंग 43 है जबकि भारतीय टीम की रैंकिंग 73 है। अब क्वार्टरफाइनल में भारत का सामना 8 बार की गोल्ड मेडलिस्ट जापान की टीम से होगा। जापान ने कजाकिस्तान के खिलाफ 3-0 से जीत दर्ज कर क्वार्टरफाइनल में जगह बनाई।
भारतीय वॉलीबॉल टीम ने अभी तक टूर्नामेंट में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। पूल सी में टीम ने अपने पहले मुकाबले में जहां कम्बोडिया को तीन सेटों में हरा दिया तो वहीं अगले मुकाबले में तीन बार की चैंपियन और पिछली बार एशियन गेम्स में सिल्वर मेडलिस्ट रही दक्षिण कोरिया की टीम को हराकर सभी को हैरान कर दिया। अब फैंस उम्मीद कर रहे हैं कि जापान के खिलाफ बड़ी जीत हासिल कर भारत एक बार फिर मेडल के करीब पहुंचे।
साल 1958 में जब पहली बार वॉलीबॉल का खेल एशियन गेम्स में शामिल किया गया तो भारतीय टीम तीसरे स्थान पर रही थी। अगले साल यानि 1962 में टीम ने सिल्वर मेडल जीता। साल 1966 और 1982 में टीम चौथे स्थान पर रही। अगली बार टीम पोडियम पर साल 1986 में दिखी जब भारत ने कांस्य पदक जीता। इसके बाद से ही भारतीय टीम कभी सेमीफाइनल में नहीं पहुंच पाई है।
हाल की बात करें तो 2014 में इंचियोन में हुए एशियन गेम्स में भारतीय टीम जापान के हाथों ही क्वार्टरफाइनल में हारी थी और आखिरकार पांचवे स्थान पर रही थी। वहीं 2018 में भारतीय टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था और टीम 12वें स्थान पर रही थी। अब 37 सालों के बाद भारत को वॉलीबॉल में पहले पदक का इंतजार है। भारत और जापान के अलावा पड़ोसी देश पाकिस्तान ने भी क्वार्टरफाइनल में जगह बना ली है जहां उसका सामना कतर से होगा। वहीं चीन और ईरान की टीमों ने पुरुष वॉलीबॉल स्पर्धा के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है।