ओलंपिक सहित कई अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी डिस्कस थ्रोअर एथलीट कृष्णा पुनिया ने अपने अलग और आक्रामक अंदाज से दो किशोरियों को बचाया। यह घटना रविवार दोहपर की है। दोनों लड़कियां बहनें थी।
तीन मोटरसाइकिल सवार युवक राजस्थान के सादुलपुर कस्बे में दो किशोरियों को छेड़ रहे थे, तभी रेलवे क्रॉसिंग पर फाटक खुलने का इंतजार कर रही इस महिला एथलीट की नजर रोती हुई उन लड़कियों पर पड़ी। कृष्णा पुनिया ने स्थिति को समझते हुए कार से उतरकर लड़कियों के पास जाकर बात की, तब उन्हें पूरे मामले पता चला। इसके बाद इस महिला एथलीट ने बाइक सवार युवकों को धर दबोचा, इतना ही नहीं बाइक पर भाग रहे एक युवक के पीछे दौड़ते हुए इस डिस्कस थ्रोअर ने धावक बन उस लड़के को पकड़कर पूलिस के हवाले कर दिया। स्पोर्ट्सकीड़ा से बातचीत करते हुए कृष्णा ने कहा “मैंने दो बार पुलिस को सूचित किया कि यहां खलबली मची है। मैंने नजदीकी पुलिस स्टेशन वालों को बोला कि आप कहां हो, क्योंकि घटना की जगह थाने से दूर नहीं है। उन्होंने समय लिया लेकिन मैं समय जाया नहीं करना चाहती थी।“ आगे इस महिला एथलीट ने कहा “ऐसी घटना मेरे, आपके या अन्य किसी भी महिला के साथ हो सकती है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि सोशल मीडिया पर महिला अधिकारों व समानता पर चिल्लाने वाले लोग असली मुद्दा आते ही चुप हो जाते हैं। सभी साथ होकर बदमाशों को सबक सिखा सकते हैं।“ गौरतलब है कि 2010 के दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में कृष्णा पुनिया ने 61.21 मीटर का डिस्कस थ्रो फेंककर स्वर्ण पदक जीता था। उनकी उपलब्धियों की वजह से 2011 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से भी नवाजा गया। उन्होंने दो ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया तथा एशियाई खेलों में दो बार कांस्य पदक भी जीता है। वर्तमान में यह खिलाड़ी राजनीति से जुड़ अपने क्षेत्रवासियों की सेवा कर रही हैं। युवा लड़कियों को मनचलों से बचाकर पुनिया ने जनप्रतिनिधि होने का भी अच्छा धर्म निभाया है।