भारत के ओलंपिक संभावित आर्चर्स की पांच महीने के लंबे ब्रेक के बाद आखिरकार ट्रेनिंग शुरू हुई। ओलंपिक संभावित आर्चर्स ने कहा कि वह सबसे पहले फिटनेस पर ध्यान देंगे और फिर धीरे-धीरे खाई लय को हासिल करेंगे। कोरोना वायरस महामारी के कारण देश में मार्च से खेल गतिविधियां ठप्प पड़ी हैं। भारतीय आर्चर्स की टोक्यो ओलंपिक्स की तैयारियों को इससे तगड़ा झटका लगा। मगर अगस्त से पुरुषों और महिला रिकर्व आर्चर्स की ट्रेनिंग शुरू हुई। सभी आर्चर्स 25 अगस्त से पुणे के आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट (एएसआई) में ट्रेनिंग कर रहे हैं।
इस साल अर्जुन अवॉर्ड जीतने वाले भारतीय आर्चर अतनु दास ने कहा, 'मार्च से पहले सभी आर्चर्स काफी इंटेंस ट्रेनिंग कर रहे थे और फिर लॉकडाउन लग गया। फिर ट्रेनिंग पर लौटने के कुछ दिनों तक आर्चर्स के लिए कुछ भी आसान नहीं था। मेरे करियर में आर्चर्स के लिए यह अब तक का सबसे लंबा अंतर है।'
भारतीय आर्चर्स की प्राथमिकता है फिटनेस
पुरुषों की रिकर्व टीम और दीपिका कुमारी ने टोक्यो ओलंपिक्स के लिए कोटा हासिल किया है। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) द्वारा आर्चर्स के लिए जारी बयान में कहा गया कि एएसआई द्वारा सुरक्षित प्रोटोकॉल को लेकर आर्चर्स खुश हैं। एएसआई ने अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराईं ताकि जानलेवा वायरस के फैलाव को रोक सकें। दीपिका कुमारी ने कहा, 'यहां सुविधाएं अच्छी हैं। अच्छी सफाई और खाने की सुविधा अच्छी है। हमारा यहां अच्छे से ख्याल रखा जा रहा है।'
भारतीय आर्चर्स की ट्रेनिंग शुरूआती चरण में हैं क्योंकि वह अपना क्वारंटीन करके आएं हैं और कोच माझी सवाईयां ने कहा कि इस समय की प्राथमिकता फिटनेस है। उन्होंने कहा, 'आर्चर्स अभी क्वारंटीन से निकले हैं। हम अभी फिटनेस पर ध्यान दे रहे हैं। मानसिक पहलु के मामले में आर्चर्स योग और ध्यान करेंगे।' भारतीय महिला रिकर्व टीम को ओलंपिक्स में क्वालीफाई करने का आखिरी मौका अगले साल विश्व क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट में मिलेगा।
बता दें कि हाल ही में अतनु दास ने कहा था कि वह आगामी ओलंपिक्स में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहते हैं। अतनु दास ने कहा था, 'हम लोग ट्रेनिंग में बेहतर तैयारी करना चाहते हैं ताकि टोक्यो ओलंपिक्स में दमदार प्रदर्शन कर सके। हमारा लक्ष्य टोक्यो ओलंपिक्स में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है। भारतीय आर्चर्स से उम्मीद है कि वह टोक्यो ओलंपिक्स में देश के लिए मेडल जीते।'