केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में रविवार को हुए फेरबदल में पूर्व एथलीट राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को यूथ अफेयर्स और स्पोर्ट्स राज्य मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार मिला है। यह पहली बार हुआ है जब किसी खिलाड़ी को केंद्र सरकार में खेल मंत्रालय मिला हो। इसके अलावा उनके पास पहले से मौजूद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार रहेगा।
स्पोर्ट्सकीड़ा के नजदीकी सूत्रों के अनुसार वे सोमवार को ऑफिस जॉइन कर सकते हैं और पहला कार्य टारगेट ओलम्पिक पोडियम स्कीम के तहत कर सकते हैं। पहले स्पोर्ट्स मंत्रालय विजय गोयल के पास था लेकिन अब उन्हें पार्लियमेंट्री अफेयर्स मिनिस्ट्री का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है। राज्यवर्धन की खेलों में समझ होने के कारण खेल मंत्रालय और खिलाड़ियों को फायदा होने के साथ ही भारत में खेलों की स्थिति में भी सुधार आएगा।
राठौड़ के राजनीतिक करियर में इसे एक बड़ी सफलता कहा जा सकता है क्योंकि उन्होंने 2013 में आर्मी से रिटायरमेंट लेकर 2014 लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर राजस्थान के जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद उन्हें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार दिया गया।
गौरतलब है कि 2004 में एथेंस में हुए ओलम्पिक में भारत को महज एक पदक मिला था। यह पदक रजत पदक के रूप में मिला, जिसे राज्यवर्धन सिंह ने दिलाया था। उन्होंने निशानेबाजी में पुरुषों की डबल ट्रैप स्पर्धा में रजत पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया था। इस प्रतिस्पर्धा में वे रजत पदक जीतने वाले स्वतंत्र भारत के पहले एथलीट भी बन गए।
भारत में ऐसा पहली बार हुआ है जब खेलों से निकले व्यक्ति को ही खेल मंत्रालय मिल गया हो। राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से पहले विजय गोयल खेल मंत्री थे। राज्यवर्धन के फैन्स भी काफी तादाद में है और निश्चित रूप से उन्हें इससे काफी ख़ुशी भी हुई होगी।