वर्ष 1980 में अमेरिका और उसके पश्चिम के मित्र राष्ट्रों ने 1980 के मॉस्को ओलंपिक में शिरकत नहीं करने का फैसला किया। इसका हिसाब चुकता करने के लिए सोवियत संघ ने 1984 के लॉस एंजलिस ओलंपिक का बहिष्कार कर दिया। 1988 सियोल ओलंपिक में सोवियत संघ ने 55 स्वर्ण सहित कुल 132 पदक जीतकर एक बार फिर अपनी श्रेष्ठता साबित की। अमेरिका को 34 स्वर्ण सहित 94 पदक मिले थे। अमेरिका पूर्वी जर्मनी के बाद तीसरे स्थान पर रहा। 1992 बार्सिलोना ओलंपिक में भी सोवियत संघ ने अपना वर्चस्व कायम रखा। हालांकि उस वक्त तक सोवियत संघ का विघटन हो चुका था। एक संयुक्त टीम ने ओलंपिक में हिस्सा लिया था। इसके बावजूद उसने 45 स्वर्ण सहित कुल 112 पदक जीते। अमेरिका को 37 स्वर्ण के साथ 108 पदक मिले थे। 1996 अटलांटा और 2000 सिडनी ओलंपिक में रूस (सोवियत संघ के विभाजन के बाद का नाम) गैर अधिकारिक अंक तालिका में दूसरे स्थान पर रहा। 2004 के एथेंस ओलंपिक में उसे तीसरा स्थान मिला। बीजिंग ओलंपिक 2008 को अब तक का सबसे बेहतरीन आयोजन माना गया है। 15 दिन के खेलों के दौरान चीन ने अपनी मेजबानी के साथ ही सर्वाधिक स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। चीन पहली बार पदक तालिका में शीर्ष स्थान पर रहा। अमेरिका दूसरे स्थान पर रहा। भारत ने भी ओलंपिक के इतिहास में व्यक्तिगत स्पर्धाओं में पहली बार कोई स्वर्ण पदक जीता और उसे पहली बार एक साथ तीन पदक भी मिले।