स्टार स्नूकर और बिलियर्ड्स खिलाड़ी पंकज आडवाणी ने एशियाई स्नूकर चैंपियनशिप का खिताब जीत लिया है। खेल रत्न विजेता पंकज ने दोहा में चल रही चैंपियनशिप के फाइनल में ईरान के आमिर सरखोश को 6-3 की स्कोरलाईन से हराकर खिताब को डिफेंड किया। साल 2019 में भी आडवाणी ने इस खिताब को अपने नाम किया था। 2020 में कोविड-19 के कारण टूर्नामेंट रद्द कर दिया गया था।
शुरुआत से दिखाया दबदबा
स्नूकर के खेल में कुल 11 फ्रेम (सेट) में खेल खेला जाता है। खिलाड़ी को मैच अपने नाम करने के लिए 6 फ्रेम जीतने होते हैं। आडवाणी ने 9वें फ्रेम को जीतकर अपना छठा फ्रेम जीतकर मैच और चैंपियनशिप अपने नाम कर ली। आडवाणी ने 72-42, 72-0, 70-49 से पहले तीन सेट अपने नाम किए। इसके बाद चौथा फ्रेम वो 41-66 से हार गए। पांचवे फ्रेम में 70-17 से जीत हासिल की लेकिन छठा फ्रेम 30-68 से हार गए। सांतवे फ्रेम में 74-34 से जीत के बाद आडवाणी को एक और फ्रेम जीतने की जरूरत थी। आठवें फ्रेम में आमिर ने 50-12 से जीत दर्ज की, लेकिन आडवाणीन नौवें फ्रेम में 64-44 से जीत दर्ज कर मुकाबला अपने नाम कर लिया।
कैसे खेला जाता है स्नूकर
स्नूकर का खेल एक स्टिक से खेला जाता है जिसे Cue (क्यू) स्टिक कहते हैं। एक सफेद रंग की गेंद जिसे Cue बॉल कहा जाता है, 15 लाल गेंद, इसके अलावा पीली (2 प्वाइंट), हरी (3 प्वाइंट), भूरी (4 प्वाइंट), नीली (5 प्वाइंट), गुलाबी (6 प्वाइंट) और काले (7 प्वाइंट) रंग की 1-1 गेंद भी टेबल पर होती हैं जिनके लिए अलग-अलग अंक निर्धारित हैं। खिलाड़ी को सफेद गेंद का इस्तेमाल करते हुए बाकि गेंदों को स्नूकर टेबल पर बने Hole में डालना होता है और गेंद के रंग के अनुसार अंक खिलाड़ी का स्कोर बनता है। पहले लाल गेंदों को Hole मे डालना होता है और उसके बाद अन्य रंगों की गेंदों को एक निर्धारित सिक्वेंस में Hole में डालना होता है।
भारतीयों का दबदबा
एशियाई स्नूकर चैंपियनशिप में भारतीय खिलाड़ी लगातार अच्छा प्रदर्शन करते आए हैं। यासिन मर्चेंट ने साल 1989 और 2001 में ये खिताब जीता था जबकि 2004 में आलोक कुमार ने इसे अपने नाम किया। आदित्य मेहता ने 2012 में ये चैंपियनशिप जीती थी। आडवाणी साल 2004 और 2012 में फाइनल में भारतीय खिलाड़ियों के हाथों हारें थे। आडवाणी ने साल 2017 में फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन हार गए थे। इसके बाद 2019 और अब लगातार दूसरी बार चैंपियनशिप जीतकर इतिहास रचा है।