Paralympics: भारत-पाक युद्ध में घायल हुए भारतीय सैनिक के नाम है पहला गोल्ड मेडल

मुरलीकांत पेटकर भारत के लिए पैरालंपिक में मेडल जीतने वाले पहले पैरा एथलीट हैं
मुरलीकांत पेटकर भारत के लिए पैरालंपिक में मेडल जीतने वाले पहले पैरा एथलीट हैं

टोक्यो पैरालंपिक में भारत ने इन खेलों के इतिहास में अपना सबसे बड़ा दल भेजा है। 54 ऐथलीट अलग-अलग स्पर्धाओं में भाग लेते हुए पोडियम फिनिश करने की कोशिश करेंगे। रियो पैरालंपिक में भारत ने 2 गोल्ड मेडल जीते थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पैरालंपिक में देश को पहला गोल्ड 1972 में ही मिल गया था। पैरा स्विमर मुरलीकांत पेटकर ने जर्मनी के हाईडलबर्ग में हुए पैरालंपिक खेलों में भारत को पहला गोल्ड मेडल दिलाया था।

पेटकर ने 1972 के पैरालंपिक में 50 मीटर तैराकी के क्वालिफिकेशन में ही नया विश्व रिकॉर्ड बना दिया था। फाइनल में 37.33 सेकेंड में 50 मीटर की दूरी पूरी कर पेटकर ने नया विश्व रिकॉर्ड बनाया और पैरालंपिक में देश को पहला मेडल गोल्ड के रूप में दिलाया। इसी पैरालंपिक में पेटकर ने जैवलिन और तीरंदाजी में भी भाग लिया था।

भारत-पाक युद्ध में हुए दिव्यांग

1 नवंबर 1947 को महाराष्ट्र के सांगली में जन्मे पेटकर को बचपन से ही खेलों में खासी रुचि थी। कुश्ती, हॉकी, ऐथलेटिक्स, पेटकर हर खेल में शामिल होते थे और माहिर भी हो गए थे। पेटकर को पुणे में भारतीय सेना की ब्वॉय्स बटालियन में शामिल होने का मौका मिला और पेटकर ने बॉक्सिंग खेलनी शुरु की। पेटकर बॉक्सिंग में काफी अच्छे हो गए थे और अपने ट्रेनिंग कैम्प में 'छोटा टाईगर' के नाम से मशहूर थे। के लिए 1964 में टोक्यो में दुनियाभर की सेनाओं के बीच होने वाली खेल प्रतियोगिता में पदक जीतने में कामयाब हुए थे। देश वापस लौटे पेटकर इलेक्ट्रिॉनिक एंड मकैनिकल इंजीनियर यानि EME में शामिल किए गए और भारतीय सेना का हिस्सा बनकर सिकंदराबाद गए।

युद्ध में हुए घायल

1965 में पेटकर को जम्मू-कश्मीर जाने के आदेश मिले। सेना के कैम्प में रह रहे पेटकर का जीवन सियालकोट के इस कैम्प में रहने के दौरान बदल गया। इस भारत-पाकिस्तान के बीच चल युद्ध चल रहा था। एक दिन कैम्प में पाकिस्तान की ओर से हवाई हमला हुआ और गोलीबारी शुरु हो गई। इस अफरा-तफरी के बीच पेटकर को न सिर्फ पीठ में गोलियां लगीं बल्कि एक वाहन भी उनकी पीठ को घायल कर गया। पेटकर को जल्द ही इलाज के लिए दिल्ली भिजवाने की तैयारी की गई। रीढ़ की हड्डी में चोट की वजह से पेटकर को पुनर्वास के लिए मुंबई में नौसेना के अस्पताल में भेजा गया।

टाटा ने दी नौकरी

युवा खिलाड़ी के रूप में पेटकर बॉक्सिंग में काफी अच्छे थे।
युवा खिलाड़ी के रूप में पेटकर बॉक्सिंग में काफी अच्छे थे।

पेटकर जब नौसेना के अस्पताल में भर्ती थे तो एक दिन टाटा ग्रुप के चेयरमैन जीआरडी टाटा ने वहां आकर सभी घायल सैनिकों से मुलाकात की। पूछे जाने पर कि वह क्या सहायता चाहते हैं, पेटकर ने न पैसे की मांग की न किसी और चीज की, सिर्फ यह अनुरोध किया कि टाटा की कंपनी TELCO में उन्हें नौकरी मिल जाए। जीआरडी टाटा ने तुरंत ही उन्हें नौकरी दिलवा दी। TELCO में नौकरी के साथ ही पेटकर नौसेना के अस्पताल में थेरेपी प्राप्त कर रहे थे। यहीं उन्होंने तैराकी शुरु की। तैराकी के साथ ही पेटकर जैवलिन, डिस्कस थ्रो, शॉट पट जैसे खेल भी खेल रहे थे।

क्रिकेट कप्तान ने की मदद

साल 1967 से ही पेटकर विभिन्न पैरा प्रतियोगिताओं में भाग लेने लगे। पेटकर विशेष रूप से तैराकी में पेटकर ने कई प्रतियोगिताओं में नाम कमाया। साल 1971 में पेटकर को सेना के जनरल सैम मानेकशॉ के हाथों बेस्ट स्विमर का अवॉर्ड मिला। इससे पहले 1968 में पेटकर इजराइल में हुए पैरालंपिक खेलों में दिव्यांग खिलाड़ियों को दी जाने वाली सुविधाएं देखकर हैरान रह गए। पेटकर और अन्य दिव्यांग खिलाड़ी देश में इस प्रकार की सुविधाएं न होने के कारण निराश थे। ऐसे में पूर्व क्रिकेट कप्तान विजय मर्चेंट ने पेटकर समेत अन्य दिव्यांग खिलाड़ियों की काफी मदद की। यहां तक कि 1972 के पैरालंपिक में भेजने के लिए टिकट की व्यवस्था भी विजय मर्चेंट ने ही की।

सालों बाद मिला राष्ट्रीय सम्मान

2018 में पेटकर को देश के चौथे सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
2018 में पेटकर को देश के चौथे सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया।

पेटकर की समस्त उपलब्धियों के बाद भी उन्हें केंद्र सरकार से पहचान मिलने में काफी समय लग गया। हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने 1975 में ही पेटकर को छत्रपति शिवाजी सम्मान दिया था, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिलना बाकी था। लगातार पैरा खेलों में कई रिकॉर्ड बनाने और पदक जीतने वाले पेटकर को उनके कौशल और खेलों में योगदान के लिए साल 2018 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया। पेटकर के गोल्ड के बाद भारत के लिए अगला पैरालंपिक गोल्ड साल 2004 में जैवलिन थ्रो में देवेंद्र झाझरिया को मिला।

Quick Links

Edited by निशांत द्रविड़
Sportskeeda logo
Close menu
WWE
WWE
NBA
NBA
NFL
NFL
MMA
MMA
Tennis
Tennis
NHL
NHL
Golf
Golf
MLB
MLB
Soccer
Soccer
F1
F1
WNBA
WNBA
More
More
bell-icon Manage notifications