Archery Rules in Olympics : पेरिस ओलंपिक 2024 के दौरान भारत का सबसे पहला इवेंट आर्चरी यानि तीरंदाजी में होगा। टीम इंडिया इसी इवेंट के साथ इस बार अपने ओलंपिक अभियान का आगाज करेगी। तीरंदाजी वैसे तो भारत का प्राचीन खेल है। सदियों से तीरंदाजी की परंपरा भारत में चलती आई है लेकिन ओलंपिक में इसके नियम-कायदे काफी अलग होते हैं। सभी तीरंदाजों को इन नियमों के दायरे में रहते हुए ही अपना कौशल दिखाना होता है।
हम आपको बताते हैं कि ओलंपिक में तीरंदाजी के क्या-क्या नियम होते हैं और किस तरह प्वॉइंट मिलते हैं।
आर्चरी को तीन विभागों टारगेट, इनडोर और फील्ड में बांटा गया है। वर्ल्ड आर्चरी ने यह डिसिप्लिन बनाए हैं।
टारगेट आर्चरी
इस डिसिप्लिन में तीरंदाज के सामने एक टार्गेट होता है, जिसके ऊपर वह निशाना साधता है। रिकर्व के लिए यह लक्ष्य 70 मीटर की दूरी और कंपाउंड के लिए 50 मीटर की दूरी पर होता है। लक्ष्य पर पांच कलर सुनहरा, लाल, नीला, काला और सफेद रंग बने होते हैं। अगर किसी खिलाड़ी ने सुनहरे रंग पर एकदम बीच में निशाना लगाया तो उसे पूरे के पूरे 10 अंक मिलते हैं। लाल रंग पर निशाना लगा तो 8 और 7 रंग मिलते हैं और साथ ही नीला रंग 6 और 5 अंक देते हैं। वहीं अगर निशाना काले रंग पर लगता है तो खिलाड़ी को 4 और 3 अंक मिलते हैं और साथ ही सबसे बाहरी रिंग यानी सफेद रंग पर निशाना लगे तो एक खिलाड़ी 2 और 1 अंक हासिल कर सकता है। सभी सेट को लेकर जिस तीरंदाज को ज्यादा अंक मिलते हैं, उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है।
इनडोर और फील्ड आर्चरी
इनडोर आर्चरी में तीरंदाज 18 मीटर की दूरी पर लक्ष्य को भेदता है। 2018 के बाद इनडोर आर्चरी वर्ल्ड सीरीज का आगाज हुआ था। वहीं फील्ड आर्चरी की अगर बात करें तो इसमें एक तीरंदाज को अलग-अलग साइज के लक्ष्य पर अलग-अलग दूरी से निशाना लगाना पड़ता है। इस दौरान एंगल, लंबाई और दूरी का विशेष ध्यान रखना पड़ता है।
रिकर्व और कंपाउंड में अंतर
रिकर्व इवेंट में आर्चर 70 मीटर की दूरी से निशाना लगाता है, जिसका व्यास 122 सेंटीमीटर होता है, जिसका सबसे बेहतरीन स्कोर 10 अंक होता है। जबकि कंपाउंड इवेंट में 50 मीटर की दूरी पर टारगेट होता है और एक आर्चर लेंस के जरिए इसे देखता है।
प्वॉइंट्स के नियम
कुल मिलाकर एक तीरंदाज 72 निशाने लगाता है, जिसमें 12 सेट होते हैं और हर सेट में 6 तीर मारने होते हैं। हर सेट में मिलने वाले प्वॉइंट्स को जोड़कर आखिर में विजेता का फैसला किया जाता है।