PV Sindhu Net Worth: भारत की स्टार शटलर पीवी सिंधु अब गोल्डन गर्ल के नाम से फेमस हो गई हैं। वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत के लिए पहला गोल्ड जीतने वाली सिंधु को देश ने यह नया नाम दिया है। भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु अपने खेल के साथ ही कमाई के मामले में भी लगातार झंडे गाड़ रही हैं। पद्मश्री से लेकर पद्मभूषण तक, सिंधु को उनकी उपलब्धियों के लिए कई बड़े अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है। सिंधु भारत की सबसे अधिक कमाई करने वाली महिला एथलीट भी हैं। सिंधु लंबे समय से शानदार खेल दिखा रही हैं और उन्होंने इसके दम पर ही काफी ज्यादा कमाई भी की है। आइए जानते हैं सिंधु की कुल संपत्ति कितनी है।
कमाई के मामले में किसी क्रिकेटर से कम नहीं पीवी सिंधु
आज पूरी दुनिया में भारत का नाम रौशन कर रहीं पीवी सिंधु की नेट वर्थ साल 2022 तक 7.1 मिलियन डॉलर यानी 59 करोड़ रुपए के आस-पास थी। साल 2022 में फोर्ब्स ने सबसे अधिक सालाना कमाई करने वाली महिला खिलाड़ियों की लिस्ट जारी की थी। पीवी सिंधु इस लिस्ट में 12वें पायदान पर थीं। पीवी सिंधु टॉप 25 में एकमात्र भारतीय महिला खिलाड़ी थीं। ऐसे में उनकी कमाई अब इससे कई ज्यादा आगे बढ़ चुकी होगी। सिंधु की सबसे ज्यादा कमाई उनके एंडोर्समेंट से होती है। वह बैक ऑफ बड़ौदा, ब्रिजस्टोन, जेबीएल, पैनासोनिक और दूसरे कई बड़े ब्रांड्स का विज्ञापन कर चुकी हैं। बता दें, फोर्ब्स ने सिंधु के लिए लिखा था सिंधु भारत की मोस्ट मार्केटेबल महिला खिलाड़ी हैं।
पीवी सिंधु का जन्म 5 जुलाई, 1995 में आंध्र प्रदेश के हैदराबाद में हुआ था। पीवी सिंधु का पूरा नाम पुसरला वेंकट सिंधु है। सिंधु के माता पिता दोनों ही राष्ट्रीय स्तर के वॉलीबॉल खिलाड़ी रहे हैं। सिंधु की एक बहन भी हैं, जिनका नाम पीवी दिव्या है। पीवी सिंधु के पिता 1986 के सियोल एशियाई खेलों में ब्रॉन्ज मेडल-जीत चुके हैं। वहीं, सिंधु की मां पी विजया भी प्रोफेशनल व़ॉलीबॉल प्लेयर थीं। सिंधु ने आठ साल की उम्र से बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था।
ओलंपिक में 2 बार जीता मेडल
सिंधु अभी तक 2 ओलंपिक मेडल जीत चुकी हैं। साल 2016 में हुए रियो ओलंपिक में पीवी सिंधु ने सिल्वर जीता था। इसके बाद टोक्यो ओलंपिक 2020 में सिंधु ने ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था। इस तरह सिंधु ने लगातार दो ओलंपिक में मेडल जीतने वाली एकमात्र महिला खिलाड़ी बनने का मुकाम हासिल कर लिया था। वह इस बार भी ओलंपिक में मेडल जीतने के इरादे से उतरेंगी उनके पास इतिहास रचने का मौका होगा। दरअसल, अभी तक कोई भी भारतीय ओलंपिक में 3 बार मेडल नहीं जीता है।