पुरुषों के डबल्स में पहले ही राउंड में बाहर होने के बाद रोहन बोपन्ना ने सानिया मिर्जा के साथ मिक्स्ड डबल्स में मेडल जीतने के मौके बना लिए थे। इस जोड़ी ने ऑस्ट्रेलिया के सामंथा स्टोसुर और जॉन पीअर्स को 7-5 और 6-4 के सीधे सेटों में हराकर दूसरे राउंड में जगह बनाई थ, जहाँ इस जोड़ी ने ग्रेट ब्रिटेन के एंडी मरे और हीदर वाटसन को भी सीधे सेटों में 6-4 और 6-4 हरा दिया था। ये जोड़ी एक जीत के बाद मेडल जीतने की रेस में शामिल हो जाती। मिर्जा और बोपन्ना का मुकाबला अमेरिका की वीनस विलियम और राजीव राम से हुआ। जहाँ इस जोड़ी ने बढ़िया शुरुआत करते हुए पहले सेट को आराम से 6-2 से जीत लिया। लेकिन अमेरिकी जोड़ी ने वापसी करते हुए दूसरा सेट 6-2 से जीत लिया। इसके बाद टाईब्रेक में अमेरिकी जोड़ी ने सानिया और बोपन्ना को 10-3 से हराकर फाइनल में जगह बना ली। इसके बावजूद भारतीय जोड़ी के पास कांस्य पदक जीतने का मौका था। जहाँ उनका मुकाबला चेक गणराज्य के राडेक स्टेपनेक और लूसिया राडेका से हुआ। लेकिन मौके को न भुना पाना और कुछ खामियों की वजह से भारतीय जोड़ी ये मुकाबला 1-6, 5-7 से हार गयी। चौथे स्थान पर रहने वाली इस भारतीय जोड़ी की अहम किरदार सानिया मिर्जा ने अपने भावात्मक सन्देश में कहा कि 2020 में टोक्यो ओलंपिक में उनका खेलना पक्का नहीं है। लेकिन भारतीय टेनिस के लिए सानिया का खेलना अहम है। हो सकता है वह जापान में देश को मेडल दिलाएं।