Reetika Hooda Faced Defeat In Quarterfinal : पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के हाथ से एक और सुनहरा मौका निकल गया है। महिलाओं की 76 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कैटेगरी में भारत की रितिका हुड्डा को क्वार्टरफाइनल में आकर हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने अपना राउंड ऑफ 16 का मुकाबला बेहद आसानी के साथ तकनीकी श्रेष्ठता पर जीता लिया था लेकिन क्वार्टरफाइनल में उनका सामना किर्गिस्तान की नंबर एक पहलवान से हुआ और उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
रितिका हुड्डा ने हालांकि काफी कड़ी टक्कर किर्गिस्तान की पहलवान को दी। दोनों ही पहलवानों को एक-एक प्वॉइंट मिला और यह एक प्वॉइंट 30 सेकेंड का टाइमर खत्म होने की वजह से मिला। हालांकि किर्गिस्तान की पहलवान को चुंकि बाद में प्वॉइंट मिला था तो रेसलिंग के नियमों के हिसाब से उन्हें विजेता घोषित किया गया। इस तरह स्कोर बराबर रहने के बावजूद भी रितिका को क्वार्टरफाइनल में शिकस्त झेलनी पड़ी।
रितिका हुड्डा को रेसलिंग के नियमों की वजह से मिली हार
दरअसल रेसलिंग का नियम है कि अगर निर्धारित समय पूरा होने के बाद भी स्कोर बराबर रहता है तो उस पहलवान को विजेता घोषित किया जाएगा, जिसने बाद में प्वॉइंट लिया हो या फिर जिसने एक बार में ज्यादा प्वॉइंट लिए हों या फिर बड़ा दांव लगााया हो। चुंकि रितिका को एक प्वॉइंट पहले मिला था और उनकी विरोधी पहलवान को बाद में एक प्वॉइंट मिला था, इसी वजह से रितिका को हार का सामना करना पड़ा। अगर वो एक प्वॉइंट और ले लेतीं तो फिर सेमीफाइनल में भी जा सकती थीं।
आपको बता दें कि रितिका की उम्र अभी बहुत कम है और महज 21 साल की आयु में ही उन्होंने अपना ओलंपिक डेब्यू कर लिया है। भले ही उन्हें क्वार्टरफाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा लेकिन अभी भी उनके पास एक और मौका बचा है। किर्गिस्तान की जिस पहलवान से रितिका को हार मिली है, अगर वो पहलवान फाइनल में पहुंच जाती है तो फिर रितिका को रेपचेज राउंड में ब्रॉन्ज मेडल जीतने का मौका मिल सकता है। इससे पहले अमन सेहरावत ने भारत को रेसलिंग में पेरिस ओलंपिक का पहला पदक दिलाया था। अब रितिका से भी वही उम्मीद है।