रियो ओलंपिक्स की उलटी गिनती शुरू हो गयी है और कुछ ही देर ने इस भव्य खेल समारोह का आयोजन होगा। हालांकि ब्राज़ील में मुकाबले हो रहे हैं तो इनमें फुटबॉल के लिए अत्यादिक उत्साह होगा। ब्राज़ील की टीम सबसे कामयाब फुटबॉल टीम रही है और वें 5 विश्व कप जीत चुके हैं। लेकिन उनके नाम एक भी ओलंपिक स्वर्ण पदक नहीं है। लंदन ओलंपिक्स 2012 में वें नज़दीक तो आये थे लेकिन मेक्सिको के हातों 2-1 से हार के बाद वें बाहर हो गये। आज के नियम के अनुसार केवल 23 साल के उम्र के केवल तीन खिलाडी हिस्सा ले सकते हैं। इसलिए हमें यहाँ पर कई बड़े नाम दिखाई नहीं देंगे। लेकिन फिर भी टीम में ऐसे कई खिलाडी हैं जो इस ओलंपिक खेल पर अपना असर छोड़ सकते हैं। ये रहे ऐसे 5 फुटबॉल खिलाड़ी: #5 ओरिवे पेरालता, मेक्सिको 32 वर्षीय क्लब अमेरिका के मिड फील्डर का चार साल पहले लंदन ओलंपिक्स बहुत अच्छा रहा था। वहां पर उन्होंने चार गोल किये थे, जिसमें से ब्राज़ील के खिलाफ फाइनल में उन्होंने दो गोल किये और ब्राज़ील को 2-1 से हराया। उसके बाद से उन्होंने मेक्सिको के लिए 50 मैचेस खेले हैं और 22 गोल दागे हैं। मेक्सिको की टीम इस बार रियो ओलंपिक में डिफेंडिंग चैंपियन के रूप में उतरेंगे। मेक्सिको के ग्रुप में जर्मनी और लंदन ओलंपिक्स 2012 की कांस्य पदक विजेता दक्षिण कोरिया है। उन्हें क्वार्टर फाइनल में कड़ी चुनौती मिलेगी। क्वार्टर फाइनल में उनका सामना अर्जेंटीना का पुर्तगाल से हो सकता है। ऐसे में उनका लंदन ओलंपिक्स का कारनामा दोहराने में मुश्किल होगी। लेकिन पेरालता जैसे खिलाड़ी का टीम में होने से टीम को मजबूती मिलेगी। उन्होंने मेक्सिकन ओलंपिक टीम के साथ 14 मैचों में 11 गोल कर चुके हैं। इसलिए उनके टीम को उनसे बहुत उमीदें होंगी। #4 जॉन ओबी मिकेल, नाइज़ीरिया रियो ओलंपिक्स इस नाइजीरियाई खिलाडी के लिए छठा ओलंपिक्स होगा। नाइजीरियाई फुटबॉल टीम विश्व कप के मुकाबले ओलंपिक में ज्यादा सफल रही है। उन्होंने साल 1996 में एटलांटा ओलंपिक में स्वर्ण और 2008 में बीजिंग ओलंपिक में रजत पदक जीता था। इस ओलंपिक में पदक के लिए अफ्रीका को नाइजीरिया की फुटबॉल टीम पर ही निर्भर होना होगा और इसके लिए उन्हें जॉन ओबी मिकेल की ज़रूरत पड़ेगी। चेल्सी के ये मिडफील्डर अफ्रीका के सबसे अच्छे खिलाडी हैं। कभी वें मिडफील्डर के स्थान पर खेलते हैं तो कभी डिफेंडर के स्थान पर। ऐसा वें चेल्सी के लिए कई बार कर चुके हैं। नाइजेरिया के ग्रुप में स्वीडन, जापान और कोलंबिया जैसी टीमें हैं। ग्रुप स्टेज में नाइजेरिया को कड़ी चुनौती मिलेगी और यहाँ से आगे बढ़ने के लिए उन्हें जॉन ओबी मिकेल की ज़रूरत पड़ेगी। #3 स्वेन बेंडर, जर्मनी स्वेन और उनके जुड़वे भाई लार्स रियो ओलंपिक्स में जर्मनी की ओर से हिस्सा लेंगे। बॉरूसिया डॉर्टमंड का ये मिडफील्डर अपने लिए और जर्मनी के लिए रियो ओलंपिक्स 2016 सफल करना चाहेंगे। साल 2011 से 2013 तक बेंडर ने अपने देश के लिए सात मैच खेले हैं। रियो ओलंपिक्स में शानदार प्रदर्शन कर के वें अपना अंतराष्ट्रीय करियर वापस शुरू करना चाहिए। इस 27 वर्षीय खिलाडी ने बॉरूसिया डॉर्टमंड के साथ 35 मैच खेले हैं। हालांकि उन्हें बुंदेसलीगा में ज्यादा मौके नहीं मिले, लेकिन यूरोपा लीग में उन्हें ज्यादा मौके मिले। अपने भाई लार्स के साथ मिलकर वें मिडफ़ील्ड पर खड़े होंगे और टीम को स्कोर करने के कई मौके देने की कोशिश करेंगे। इसके अलावा वें टीम के डिफेन्स को भी मजबूती देंगे। वें जर्मनी के मुख्य टीम का हिस्सा होंगे और होल्डिंग मिडफ़ील्ड के स्थान पर होंगे। उनकी मौजूदगी से टीम का संतुलन बना रहेगा। उनके अमुभव से टीम को ओलंपिक खेलों में काफी फायेदा होगा। #2 लार्स बेंडर, जर्मनी सियोल ओलंपिक्स 1988 आखिरी ओलंपिक था जिसमें जर्मनी की टीम ने हिस्सा लिया था। उस समय वेस्ट जर्मनी ने ओलंपिक में हिस्सा लिया था। रियो ओलंपिक्स पहला मौका है जब दोनों देश एकत्र होकर खेलेगी और 28 साल बाद ओलंपिक में हिस्सा लेंगे। इसलिए जर्मनी की ज्यादा उम्मीदें बायर्न लेवरकुसेन के खिलाडी लार्स बेंडर से जुडी होंगी क्योंकि वें सीनियर टीम के सबसे अनुभवी खिलाडी हैं। वें 19 बार जर्मनी के साथ खेल चुके हैं और चार गोल किया है। उसमें से एक गोल उन्होंने UEFA यूरो कप 2012 में भी किया था। बायर्न लेवरकुसेन के कप्तान का ये सीजन चोटिल होने के कारण अच्छा नहीं रहा। लेकिन अब वें चोट से उभर चुके हैं और रियो ओलंपिक्स 2016 में जर्मनी को स्वर्ण पदक तक लेकर जाना चाहते हैं। जर्मनी के ग्रुप में लंदन ओलंपिक्स के स्वर्ण पदक विजेता टीम मेक्सिको और कांस्य पदक विजेता टीम दक्षिण कोरिया है। इसलिए उनकी राह आसान नहीं हैं। जर्मनी की टीम बेंडर के अनुभव का पूरा इस्तेमाल करना चाहेगी। कोच होर्स्ट हरुबेस्च बेंडर पर निर्भर होंगे और अगर बेंडर अपनी पूरी लय में रहे तो वें रियो ओलंपिक्स 2016 को यादगार बना सकते हैं। #1 नेमार, ब्राज़ील रियो ओलंपिक 2016 ब्राज़ील के ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने का सबसे अच्छा मौका है और इसके लिए पूरे देश की उम्मीदें नेमार पर टिकी होंगी। लंदन ओलंपिक्स 2012 में नेमार ने 3 गोल किये और अपनी टीम को फाइनल तक लेकर गए, जहाँ उन्हें मेक्सिको के हातों हार मिली। लंदन ओलंपिक्स के बाद से नेमार फुटबॉल की दुनिया के एक बेहतरीन खिलाडी बन गए हैं। वें अपने दोनों पैरों से ड्रिब्लिंग कर सकते हैं। बार्सिलोना के साथ उनका सीजन भी अच्छा रहा था और उन्होंने बारसा के लिए 49 मैचों में 31 गोल किये। इसके साथ ही बारसा ने ला लीगा और कोपा डेल रे भी जीती। 2013 के FIFA कॉन्फ़ेडरेशन कप में भी नेमार कमाल के थे और उनकी मदद से ब्राज़ील ने तीसरी बार इसे जीता। नेमार के प्रदर्शन के लिए उन्हें गोल्डन बॉल दिया गया था। FIFA वर्ल्ड कप 2014 में वें अपनी टीम को क्वार्टर फाइनल तक ले गए, लेकिन घायल होने के कारण उन्हें टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा। ब्राज़ील का ग्रुप स्टेज थोड़ा आसान दिखाई दे रहा है। उनके साथ दक्षिण अफ्रीका, डेनमार्क और इराक है। इसलिए वें आसानी से अगले दौर में पहुँच जाएंगे। मेजबान होने के कारण ब्राज़ील ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने की सबसे प्रबल दावेदार हैं। अगर नेमार अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में रहे तो ये आसानी से हो जायेगा। लेखक: नीलाभर रॉय, अनुवादक: सूर्यकांत त्रिपाठी