साल 2011 से नोवाक जोकोविच टेनिस की दुनिया पर राज कर रहे हैं और अबतक 11 ग्रैंड स्लैम जीत चुके हैं। लेकिन साल 2008 और 2012 में ओलिंपिक गेम्स में हिस्सा लेने के बावजूद वें अबतक एक स्वर्ण पदक भी नहीं जीत पाएं हैं। 2008 में हुए ओलिंपिक में उन्होंने जेम्स ब्लैक को हराकर कांस्य पदक जीता था। लेकिन लंदन ओलिंपिक में वें डेल पोर्टो को नहीं हरा पाएं और चौथे स्थान पर रहे। इम्बे में अमेरिकी सॉ क्यूरे ने जोकोविच को तीसरे राउंड में हरा कर टूर्नामेंट से बाहर कर दिया। इसलिए वें रियो ओलंपिक्स में जीत के साथ अपने साल का अच्छा अंत करने चाहेंगे। लेकिन क्यूरे के हातों हार के बाद जोकोविच ने कहा था कि वें इस टूर्नामेंट से अपना नाम वापस लेंगे, ताकि वें थोड़ा आराम कर सकें। अगर जोकोविच नहीं जाते रियो तो ये टेनिस के लिए बड़ा झटका होगा और वहीँ राफेल नडाल और रॉजर फेडरर जैसे खिलाडियों का काम आसान हो जाएगा।