Rio Olympics 2016: 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन खेल के बारे में अधिक जानिए

50 मीटर राइफल 3 पोजीशन इवेंट सुनने में जितना रोचक लगता है, असलियत में उससे कहीं अधिक रोचक है। दर्शक के रूप में हम विश्व स्तर के निशानेबाजों को तीन अलग अलग पोजीशन में निशाना लगाते देखते हैं। वें कभी घुटने पर बैठकर, कभी पेट के बल लेटकर थो कभी खड़े होकर निशाना लगाते हैं। रियो ओलंपिक्स 2016 में ये ईवेंट महिलाओं के लिए 11 अगस्त और पुरुषों के लिए 14 अगस्त को खेला जाएगा। भारत के नज़रिए से देखें तो इसमें हमे थोड़ा झटका लगा है। गगन नारंग और चैन सिंह दो पुरुष प्रतियोगी हैं जबकि महिला वर्ग में कोई भी भारतीय प्रतियोगी हिस्सा नहीं ले रहा। स्विट्ज़रलैंड में आर्मी शूटर चैन सिंह और गगन नारंग निशानेबाज़ी की ट्रेनिंग कर रहे थे, वहीं पर फेफड़े में तकलीफ और निमोनिया के लक्षण के बाद चैन सिंह को अस्पताल भेजा गया। सिंह की हालत में सुधार हो रहा है और वें अपने निर्धारित समय से दो दिन बाद, 2 अगस्त से बाकि खिलाडियों से जुड़ेंगे। चैन सिंह रियो ओलंपिक्स में पदक जीतने के प्रबल दावेदार हैं, क्योंकि 2014 इंचियोन एशियाई खेलों में उन्होंने कांस्य पदक जीता था। गगन नारंग ने 2012 लंदन ओलंपिक्स में कांस्य पदक और 2014 के ग्लासगो कामनवेल्थ खेलों में कांस्य पदक जीता था। उनसे अपने से कम अनुभवी चैन सिंह की सहायता करने की उम्मीद है। क्या होता है 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन ? 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन में निशानेबाज़ टारगेट से 50 मीटर की दूरी पर होते हैं और 5.6 mm कैलिबर की बन्दूक के साथ निशाना लगाते हैं। जैसा की इसका नाम है, यहाँ पर एथलीट तीन अलग-अलग स्थान से निशाना लागते हैं। लक्ष्य का सेंटर ज़मीन से 0.75 मीटर की ऊंचाई पर है और इसे स्थिर करने के लिए निशानेबाज़ खास वस्त्रों का इस्तेमाल करते हैं। पुरे रिंग का डायामीटर है 154.4 mm , जहां चौथा रिंग 106.4 mm और 10 वां रिंग 10.4 की दूरी पर है। क्वालिफिकेशन: इस राउंड में निशानेबाज़ को पहले घुटने के बल बैठकर, फिर पेट के बल बैठकर और फिर खड़े होकर 40 राउंड के 3 सेट में निशाना लगाना होता है। इसके लिए दो घंटे 45 मिनट का समय दिया गया हैं। महिलाओं के लिये 20 सेट होते हैं और उन्हें 1 घंटे 45 मिनट का समय दिया गया है। एक शॉट पर अधिकतम 10 अंक और पुरुषों के लिए अधिकतम 1200 और महिलाओं के लिए अधिकतम 600 हासिल किये जा सकते हैं। फाइनल राउंड फाइनल राउंड के नियम क्वालिफिकेशन राउंड जैसे हैं। यहां पर क्वालिफिकेशन राउंड के टॉप 8 प्रतियोगी आगे आते हैं और 45 शॉट मारते हैं। 10 वें रिंग के अंदर और 10 रिंग होते हैं, जिसकी वजह से 0.1 अंक अधिक कमाए जा सकते हैं। यहां कुल 490.5 अंक हासिल किये जा सकते हैं। सभी 8 एथेलीट यहाँ पर 0 से शुरू करते हैं और क्वालिफिकेशन राउंड ने अंक यहाँ पर मायने नहीं रखती। घुटने के बल बैठकर उनके 200 सेकंड का टाइम होता है और 450 सेकंड का चेंजओवर टाइम है। इसमें 5 शॉट के 3 सीरीज होते हैं। दूसरे स्थान में उन्हें पेट के बल लेटकर 5 शॉट लेने होते हैं। इसे 150 सेकंड में लेना होता है और ब्रेक टाइम है 540 सेकंड। यहां पर 5 शॉट के 3 सीरीज होते हैं। तीसरे पोजीशन पर उन्हें खड़े होकर 5 शॉट के 2 सीरीज खेलने होते हैं। इसके बाद निचले स्थान के दो एथेलीट को 7 वां और 8 वां स्थान देकर बाहर किया जाता है। 50 सेकंड के भीतर ही बाकि पांचो एथेलीट को कमांड दी जाती है। आखरी शॉट के बाद विजेता की घोषणा होती है। इस खेल में भारतीय एथेलीट: पुरुष: गगन नारंग, चैन सिंह। लंदन 2012 के परिणाम: पुरुष स्वर्ण: निकोलो कमप्रियानी (इटली) रजत: जोंगह्युं किम (कोरिया) कांस्य: मैथ्यू एमोंस (यूएसए) महिला स्वर्ण: जेमी ग्रे (यूएसए) रजत: इवाना मैक्सिमोविक (सर्बिया) कांस्य: एडेल साइकोरोवा (चेक गणराज्य) लेखक: सक्षम गर्ग, अनुवादक: सूर्यकांत त्रिपाठी

Edited by Staff Editor
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