Rio Olympics 2016: स्कीट शूटिंग इवेंट के बारे में अधिक जानिए

ब्राज़ील के रियो में होने वाले ओलंपिक्स में पांच शॉट गन इवेंट का पुरुष और महिला स्कीट शूटिंग भी हिस्सा होगा। यह दो इवेंट 12 और 13 अगस्त होंगे। पुरुषों की स्कीट स्पर्धा 12 अगस्त को शुरू होगी, लेकिन फाइनल अगले दिन होगा। जबकि महिलाओं की स्पर्धा 12 को शुरू होकर उसी दिन खत्म हो जाएगी। पुरुषों के इवेंट में भारत की ओर से अहमद खान हिस्सा लेंगे। रियो डी जनेरियो में हुए आईएसएसएफ विश्व कप के में उनका प्रदर्शन अच्छा था और उन्होंने रजत पदक जीता था। इसलिए इस 40 वर्षीय निशानेबाज़ से हम पदक की उम्मीद कर सकते हैं। हालांकि महिला वर्ग में भारत की ओर से कोई प्रतिभागी इस इवेंट में हिस्सा नहीं ले रहा है। क्या है स्कीट शूटिंग? महिलाओं और पुरुषों के लिए एक-जैसे दिशानिर्देश हैं। ये ईवेंट अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ का ईवेंट हैं जहां निशानेबाजों को आठ अलग-अलग स्टेशन पर दाएं और बाएं हाउस की ओर से आती नारंगी क्ले ट्रैप पर निशाना लगाना होता है। मजेदार बात ये है कि सामने के दोनों हाउस को नाम दिए हैं, बाएं हाउस को हाई हाउस तो और व्हांबसे निकलने वाले ट्रैप को मार्क कहा जाता है। वहीं दाएं हाउस को लौ हाउस और वहां से निकलने वाले ट्रैप को पुल कहा जाता है। पुरुष और महिला दोनों को बारी-बारी से निशाना लगाना होता है। नियम महिलाओं और पुरुषों के नियम में केवल एक फर्क है। पुरुषों को 125 टारगेट लगाना होते हैं जो 25-25 के 5 भागों में बांटा गया है। वहीं महिलाओं को 75 टारगेट मिलते हैं और उन्हें 25 के 3 भागों में बांटा गया है। क्वालिफिकेशन के लिए कुल छह प्रतियोगी हिस्सा लेते हैं जो 1 से 8 नंबर के स्टेशन के पीछे होते हैं। नियम के अनुसार कभी एक या कभी दो निशाने लगाकर वें हर स्टेशन से बाएं से दाएं ओर आगे बढ़ते हैं। सेमीफाइनल स्टेज क्वालिफिकेशन स्टेज के टॉप 6 प्रतियोगी सेमीफाइनल स्टेज में पहुंचते हैं। इन छह प्रतियोगियों को स्टेशन नंबर 3,4,5 और 4 से स्टेशन से 16 टारगेट पर निशाना लगाना पड़ता है। सेमीफाइनल से निशाने डबल में आते हैं और प्रतियोगियों को स्टेशन बदलना होता है। फाइनल सेमीफाइनल के टॉप दो निशानेबाज़ फाइनल खेलते हैं। इन दोनों के बीच पहले और दूसरे स्थान के लिये मुकाबला होता है और कांस्य पदक के लिए तीसरे और चौथे स्थान पर आएं प्रतियोगियों के बीच होता हैं। ये दोनों मुकाबले सेमीफाइनल के नियमों के आधार पर ही होते हैं। सबसे ज्यादा टारगेट पर निशाना लगाने वाले निशानेबाज़ को विजेता घोषित किया जाता है। टाई होने की स्तिथि में प्रतियोगियों के बीच शूट आउट किया जाता है। भारतीय प्रतियोगी: पुरुष: मैराज अहमद खान लंदन 2012 के परिणाम: पुरुष स्वर्ण: विंसेंट हैनकॉक (यूएसए) रजत: ऐन्डर्स गोल्डिंग (डेनमार्क) कांस्य: नासिर अल अत्तियः (कतर) महिला स्वर्ण: चियारा कैनीरो (इटली) रजत: किम्बर्ली रोड (यूएसए) कांस्य: क्रिस्टीन वेन्ज़ेल (जर्मनी) लेखक: देवांश सिंघानिया, अनुवादक: सूर्यकांत त्रिपाठी